पदकों की फिक्सिंग में कितनी हकीकत, कितना फसाना…आईओए को विस्तृत जांच के लिए लिखा पत्र

ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया ने पदकों की फिक्सिंग के आरोपों को बेबुनियाद बताया। इसके लिए आईओए को विस्तृत जांच के लिए पत्र लिखा है।ताइक्वांडो में पदकों की फिक्सिंग के आरोपों के पीछे कितनी हकीकत और कितना फसाना है, यह सवाल लगातार बड़ा होता जा रहा है। खेल निदेशालय से लेकर खेल संघों तक में चर्चा है कि आखिर पदकों की फिक्सिंग कैसे हो सकती है, यह स्पष्ट होना चाहिए। जिन जगहों पर खेल प्रतिस्पर्धाएं हो रही हैं, वहां वीडियो कैमरे हर एंगल से पल-पल रिकॉर्डिंग कर रहे हैं, चयन के लिए एक पूरी प्रक्रिया निर्धारित है। पदकों की फिक्सिंग के आरोप पर डीओसी के खिलाफ कार्रवाई से पूरी प्रक्रिया पर संदेह पैदा हो गया है।इस बारे में ताइक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को दो पत्र लिखे गए हैं। फेडरेशन के उपाध्यक्ष संतोष कुमार मोहंती ने कहा कि पदकों की फिक्सिंग का आरोप बेबुनियाद है। शिकायत पूरी तरह तथ्यहीन लगती है, क्योंकि पदकों की फिक्सिंग किसी सूरत में नहीं हो सकती।पदक तय करना किसी एक अधिकारी या उसकी टीम के लिए मुमकिन नहीं। प्रतियोगिता स्थलों पर सारे खेल पर आठ-आठ हाई डेफिनिशन कैमरों और विशेषज्ञों की निगाह रहती है, ऐसे में तीन, दो या एक लाख में पदकों की बोली का आरोप तथ्यों से परे लग रहा है। इसलिए फेडरेशन ने आईओए से तमाम तथ्यों पर गौर करने की मांग की है।