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उत्तराखंड

IAS Ramvilas Yadav Arrested : आईएएस रामविलास यादव गिरफ्तार, सीएम धामी ने दिया था सख्त कार्रवाई का आदेश

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी  ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे इसके बाद ये कार्रवाई हुई।आईएएस रामविलास यादव को आय से अधिक संपत्ति जमा करने के मामले में कल देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार  उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी  ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे इसके बाद ये कार्रवाई हुई।

इससे पहले आरोपी आईएएस रामविलास यादव आखिरकार विजिलेंस के सामने पेश हो गए। विजिलेंस अधिकारियों ने उनसे करीब सात घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उनके दस्तावेज का सत्यापन किया गया और तकरीबन 100 से अधिक सवाल किए गए। कुछ पर यादव चुप्पी साध गए तो कुछ पर टीम को इधर-उधर की बातों में उलझाने का प्रयास किया। 

जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड आए आईएएस रामविलास यादव के खिलाफ विजिलेंस ने ढाई साल पहले खुली जांच शुरू की थी। इस दौरान उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया, लेकिन वह विजिलेंस के सामने नहीं आए। विजिलेंस ने उनसे दफ्तर में ही पूछताछ करने को कहा तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। लगभग 12 लोगों की टीम ने उनके निवास और दफ्तरों में जाकर साक्ष्य जुटाए थे। 

बुधवार को हाईकोर्ट के निर्देश पर आईएएस रामविलास यादव दोपहर करीब एक बजे कारगी स्थित विजिलेंस निदेशालय पहुंचे। यहां एएसपी रेनू लोहानी और उनकी टीम ने यादव से पूछताछ शुरू की। इसमें इस मुकदमे के पूर्व और वर्तमान विवेचना अधिकारी भी शामिल रहे। करीब छह लोगों की टीम ने उनसे सात घंटे तक पूछताछ की। उनसे 100 से अधिक सवाल किए गए। विजिलेंस के अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ज्यादातर सवालों को यादव टाल गए। कुछ के सही जवाब नहीं दे पाए। 

अप्रैल में दर्ज हुआ था मुकदमा 
अप्रैल 2022 में यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। विजिलेंस ने गत वर्ष सितंबर में अपनी रिपोर्ट शासन को भेजी थी। इसमें आकलन था कि रामविलास यादव के पास उनके ज्ञात आय के स्रोतों से 547 फीसदी अधिक संपत्तियां हैं। मुकदमे के बाद विजिलेंस ने उनके लखनऊ, गाजीपुर और देहरादून स्थित आवासों पर छापे मारे। यहां से महत्वपूूर्ण दस्तावेज हासिल किए गए। इसके बाद रामविलास यादव हाईकोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली।

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