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उत्तराखंड

फर्जीवाड़ा कर फाइनेंस कंपनी से 38.58 लाख के लोन की रकम हड़पी

हरिद्वार। ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में एसएमएफजी इंडिया होम फाइनेंस कंपनी से फर्जी विक्रेता और फर्जी खरीदार बनाकर 38.58 लाख रुपये का लोन लेने के बाद रकम हड़पने का मामला सामने आया है। पुलिस ने शाखा प्रबंधक की तहरीर पर एक अधिवक्ता सहित छह नामजद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
पुलिस के अनुसार, एसएमएफजी इंडिया होम फाइनेंस कंपनी लिमिटेड संत भवन आर्यनगर ज्वालापुर के प्रबंधक हर्षपाल सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि एक संपत्ति बसेड़ी खादर तहसील लक्सर में पहले सुखपाल के नाम दर्ज थी। बाद में यह जमीन पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए मच्छला देवी के नाम चढ़ी। 18 जनवरी 2023 को इसकी रजिस्ट्री कराई गई। मच्छला देवी और रवि कश्यप नाम के व्यक्ति ने मिलकर इस जमीन की खरीद-फरोख्त दिखाई। रवि कश्यप ने कंपनी से लोन लेने के लिए आवेदन किया और अपने को खरीदार बताया। आरोप लगाया कि अधिवक्ता ज्ञानेश्वर ठकराल ने टाइटल रिपोर्ट में दस्तावेजों को सही बताया। इसके आधार पर कंपनी ने 38.58 लाख 463 रुपये का लोन स्वीकृत कर दिया।आरोप है कि 28 मई 2025 को कंपनी की ओर से 37.29 लाख रुपये का चेक मच्छला देवी के नाम से जारी हुआ। यह चेक रवि कश्यप की पत्नी पायल को सौंपा। बीती चार जुलाई को मच्छला देवी ने जमीन रवि कश्यप को बेच दी। दस्तावेजों की जांच में यह पूरा लेनदेन संदिग्ध पाया गया। आरोप है कि कंपनी की ओर से नियुक्त अधिवक्ता को सब-रजिस्ट्रार कार्यालय जाकर विक्रेता और खरीदार की पहचान की पुष्टि करनी थी। मामले में उसने सभी नियम ताक पर रख दिए। फर्जी रजिस्ट्री के बाद संपत्ति को सेठपाल सैनी नाम के एक अन्य व्यक्ति को भी बेचने का दिखावा हुआ। पहले से जारी चेक और दस्तावेजों का दुरुपयोग किया। आरोप है कि परविंदर सैनी ने भी इसमें शामिल होकर 14 लाख की रकम अपने खाते में ली। रवि कश्यप, उसकी पत्नी पायल, मच्छला देवी, अधिवक्ता ज्ञानेश्वर ठकराल सहित अन्य अज्ञात एजेंटों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जा रही है।



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