धर्मसंस्कृति

आज से घर-घर पधारेंगे मंगलमूर्ति

हर वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष पर देशभर में गणेश उत्सव की धूम रहती है। इस वर्ष मंगलवार, 19 सितंबर से 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव की शुरुआत हो रही है। यह दस दिनों तक चलने वाला गणेश उत्सव 28 सितंबर तक रहेगा। इस वर्ष पंचांग भेद के कारण भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 दिन रहेगी। 18 सितंबर से चतुर्थी तिथि शुरू हो जाएगी जो 19 सितंबर की सुबह 10 बजकर 28 मिनट तक रहेगी। 18 सितंबर को गणेश चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा और 19 सितंबर से गणेशोत्सव की शुरुआत होगी। इस बार मंगलवार और गणेश चतुर्थी का शुभ योग रहेगा और इसके अलावा रवियोग, स्वाति और विशाखा नक्षत्र भी रहेगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी पर घर-घर भगवान गणपति विराजते हैं और पूजा-आराधना की जाती है। 

हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने शुक्ल और कृष्ण पक्ष में चतुर्थी तिथि आती है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था, इस कारण से सभी चतुर्थियों में यह चतुर्थी खास होती है। इस तिथि पर भगवान गणपति को घर-घर विराजमान कर उनकी पूजा-उपासना की जाती है। 

भगवान गणेश के अलग-अलग स्वरूप हैं जिसमें हर एक स्वरूप में सफल, सुखी और शांति से जुड़े जीवन के अहम सूत्र छिपे हुए होते हैं। भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को गणेश जी के सिद्धि विनायक स्वरूप की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन गणेश जी दोपहर में अवतरित हुए थे, इसलिए यह गणेश चतुर्थी विशेष फलदायी बताई जाती है।

 गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख है- समुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाशक , विनायक, धूमकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। किसी भी शुभ कार्य को करने के दौरान जैसे विद्या अध्ययन, विवाह के समय, यात्रा , रोजगार के शुभारंभ या अन्य किसी भी शुभ कार्य को करते समय गणेश के 12 नाम लेने से कार्यो की अड़चनें दूर होती है और जीवन में अच्छी सफलताएं हासिल होती हैं। 

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