साइबर ठगों ने अब बैंक ओटीपी का भी तोड़ निकाल लिया, एक गलती और सब खत्म

बैंक के ओटीपी से पहले ये ठग लोगों को एक गूगल फॉर्म मैसेज के जरिए भेजते हैं जो कि देखने में बैंक के मैसेज जैसा ही दिखता है। लोगों को लगता है कि यह मैसेज बैंक की ओर से आया है, जबकि इसकी सच्चाई कुछ और होती है।
देश में हर दिन तरह-तरह के फ्रॉड हो रहे हैं। आए दिन किसी-ना-किसी को साइबर स्कैम का शिकार बनाया जा रहा है। साइबर ठग लोगों को ठगने के लिए हर दिन नए-नए तरीके इजाद करते हैं। अब इन्होंने बैंक ओटीपी को बाइपास करने का भी तरीका खोज लिया है। ऐसे में आपकी एक गलती आपको बहुत भारी पड़ने वाली है। आज की इस रिपोर्ट में हम आपको OTP बाइपास स्कैम से बचने का तरीका बताएंगे।
क्या है बैंक ओटीपी बाइपास स्कैम?
इस स्कैम के लिए साइबर ठग लोगों के फोन नंबर और ई-मेल आईडी के जरिए इंटरनेट बैंकिंग में लॉगिन करने के लिए फोन नंबर पर ओटीपी भेजते हैं। बैंक के ओटीपी से पहले ये ठग लोगों को एक गूगल फॉर्म मैसेज के जरिए भेजते हैं जो कि देखने में बैंक के मैसेज जैसा ही दिखता है। लोगों को लगता है कि यह मैसेज बैंक की ओर से आया है, जबकि इसकी सच्चाई कुछ और होती है।
गूगल फॉर्म में बैंक से संबंधित पूरी जानकारी मांगी जाती है। इसके अलावा कई बार ये ठग लोगों को रिमोट कंट्रोल वाले एप डाउनलोड करने का लिंक भी भेजकर फोन को रिमोटली कंट्रोल करते हैं और फिर ओटीपी डालकर अकाउंट खाली करते हैं। रिमोट कंट्रोल वाले एप के फोन में डाउनलोड होने के बाद साइबर ठग आपके फोन को पूरा कंट्रोल कर सकते हैं।
बचने के क्या हैं तरीके?
- बैंक से जुड़े किसी भी मैसेज के साथ आए वेब लिंक पर क्लिक ना करें।
- इसके अलावा किसी भी थर्ड पार्टी या बैंक से नाम से मिलते-जुलते एप को डाउनलोड ना करें।
- किसी भी गूगल फॉर्म में अपने बैंक की जानकारी ना दें।
- अपने फोन को अपडेट रखें।
- यदि सिक्योरिटी अपडेट आया है तो उसे तुरंत इंस्टॉल करें।
- टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) को ऑन करें।
- बैंकिंग एप के लिए ओटीपी के साथ-साथ 2FA और पिन-पासवर्ड लॉक का भी इस्तेमाल करें।
- किसी को भी फोन कॉल पर अपने बैंक खाते की जानकारी ना दें।