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उत्तराखंड

उत्तराखंड के खेलों का रुख बदल देंगे राष्ट्रीय खेल…मंत्री रेखा आर्या का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू

अमर उजाला कार्यालय पहुंची खेल मंत्री से वरिष्ठ संवाददाता बिशन सिंह बोरा और संवाददाता अवनीश चौधरी ने राष्ट्रीय खेलों की अब तक की तैयारी और भविष्य की खेल संभावनाओं पर विस्तार से बातचीत की।

देवभूमि उत्तराखंड 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी को लेकर उत्साह से लबरेज है। देश के इस सबसे बड़े खेल आयोजन की उलटी गिनती शुरू हो गई है। छह दिन बाद 28 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय खेलों का विधिवत आगाज करेंगे। ये राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड के खेलों गा रुख बदल देंगे। यह कहना है कि खेल मंत्री रेखा आर्या का। खेल मंत्री का मानना है कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की अवस्थापना तैयार हुई है, यह सुविधा हमारे नवोदित खिलाड़ियों को ओलंपिक के लिए तैयार करने में मदद करेगी। 

राष्ट्रीय खेलों से मिलने वाली ढांचागत सुविधाओं से उत्तराखंड के खिलाड़ियों का कितना लाभ मिलने वाला है?

यह ऐतिहासिक क्षण है जब उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में देश के सबसे बड़े खेल आयोजन का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। इसका भविष्य में राज्य और देश को लाभ मिलने वाले हैं। राज्य ने 34 मैडल गेम्स को लेकर जो अवस्थापनाएं (आधारभूत ढांचा) विकसित कर लिया गया है। इसे राष्ट्रीय खेलों के साथ खिलाड़ियों को समर्पित कर रहे हैं। यही हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है, जिसकी वजह से हमारे खिलाड़ी भविष्य में ओलंपिक के लिए तैयार होंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश को पदक तालिका में ऊपर ले जाएंगे।

सवाल: खेल अवस्थापना का लाभ खिलाड़ियों को मिलता रहे, इसके लिए क्या योजना है?
जवाब: खेल तैयारियों के हिसाब से खेल अवस्थापनाएं विकसित की गई हैं। बैडमिंटन स्थल, बहुउद्देश्यीय हॉल, एथलेटिक्स ट्रैक, शूटिंग, स्वीमिंग, बॉक्सिंग आदि खेलों के लिए जो ढांचागत बदलाव हुए हैं, उनके लिए देश-विदेश से उपकरण मंगाए गए हैं। उन उपकरण और अवस्थापना का लाभ आगे भी खिलाड़ियों के अभ्यास में मिलेगा। उपकरणों की देखरेख होती रहे, उसके लिए हम लेगेसी प्लान लेकर चल रहे हैं। इसके तहत खेल अकादमी बनाने का प्रस्ताव है, जिससे हमारे बच्चे देश के लिए पदक लाने के लिए तैयार होंगे।

स्वर्ण पद जीतने वाले को देंगे 12 लाख, आउट ऑफ टर्न जॉब भी

सवाल : राज्य के लिए पदकों की संख्या बढ़ाने या खिलाड़ियों के उत्साहवर्धन के लिए क्या किया गया है?
जवाब: रजत जयंती वर्ष पर हमारे खिलाड़ी राज्य को प्रथम तालिका में लाकर सबसे बड़ा उपहार दे सकते हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खेल विभाग लगातार खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन कर रहा है। इसके तहत स्वर्ण पदक के लिए इनाम की राशि छह लाख से बढ़ाकर 12 लाख की गई है। इसी तरह अन्य पदकों में भी इनाम की राशि दोगुनी कर दी गई है। इसके अलावा आउट ऑफ टर्न जॉब और चार फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

राष्ट्रीय खेलों को लेकर अपार उत्साह, लोग स्वयंसेवक के तौर पर जुड़ रहे

सवाल: खेलों से आम लोगों को जोड़ने के लिए क्या कर रहे हैं
जवाब: मुख्यमंत्री धामी घोषणा कर चुके हैं कि राष्ट्रीय खेलों को जनउत्सव की तरह मनाया जाएगा, जिसमें हर राज्यवासी कि किसी न किसी रूप में भागीदारी रहेगी। इसके लिए खेलों के पांच प्रतीक लॉन्च करने के बाद गौलापार से मशाल यात्रा 13 जिलों के लिए निकाली गई है, जो अभी गतिमान है। लोग स्वयंसेवक के तौर पर भी खेलों से जुड़ रहे हैं।
मंत्री रेखा आर्या से बातचीत

उम्मीद पहले की है, शीर्ष पांच में तो आएंगे ही

सवाल: गोवा में वर्ष 2023 में हुए 37 वें राष्ट्रीय खेलों की पदक तालिका में हम मात्र तीन स्वर्ण पदक के साथ 25 वें स्थान पर थे, इस बार हम खेलों की मेजबानी कर रहे हैं, कौन सा स्थान रहेगा, कितनी उम्मीद है?
जवाब: मैं व्यक्तिगत रूप से कहूंगी की हम पहले स्थान पर आएं। इसके लिए विभाग और सरकार की ओर से खिलाड़ियों के लिए जो बेहतर हो सकता है वह किया जा रहा है ताकि वे उच्च स्तरीय मनोबल के साथ खेलें। हमारे खिलाड़ी अपने गृह क्षेत्र में खेलेंगे यह भी उनके लिए फायदेमंद होगा। गुजरात, गोवा या इससे पहले हुए राष्ट्रीय खेलों की बात करें तो उत्तराखंड में उस समय खेल केंद्र बिंदु में नहीं था। अब पीएम के मार्गदर्शन में खेल व खिलाड़ियों के मनोबल को जिस तरह से बढ़ाया गया है, उससे खेल केंद्र बिंदु में हैं। हमने संकल्प लिया है कि उत्तराखंड देवभूमि है, सैन्य भूमि है इसके साथ-साथ खेल भूमि के रूप में भी इसकी पहचान बने। इस बीज को रोपने का काम हम विभिन्न निर्णयों से देखते हैं। उम्मीद है हम पहले नंबर पर आएंगे या फिर पहले पांचवें नंबर पर रहेंगे यह मेरा विश्वास है।

कैंप लगाने का काम एसोसिएशन व फेडरेशन का होता है

सवाल: राष्ट्रीय खेलों का आवंटन काफी पहले होने के बाद भी तैयारियां अंतिम समय में चल रही हैं। खेल स्थलों पर कैंप न होने से राज्य के खिलाड़ियों को वह लाभ नहीं मिल पा रहा है जो मिलना था।
जवाब– मैं समझती हूं कि खेलों की तिथि घोषित होने के बाद 2024 से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। फिर राष्ट्रीय खेलों की तिथि 2025 में शिफ्ट हुई। तैयारियों को लेकर विभाग ने इसके बाद से कमर कस ली। सीएम धामी ने जब से प्रदेश को संभाला लगातार अवस्थापना विकास के काम किए जा रहे हैं। कुछ ऐसी चीजें हैं, जो उसी समय की जाती है। खिलाड़ी कौन होगा और किनके कैंप लगेंगे यह काम एसोसिएशनों और फेडरेशन का होता है। उन्हें इसमें समय लगा। फिर भी जिनमें विवाद नहीं थे उन खेलों के कैंप लगे।

22 जनवरी तक तैयार हो जाएगा सिंथेटिक ट्रैक

सवाल: राष्ट्रीय खेल शुरू होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं, एथलेटिक के लिए सिंथेटिक ट्रैक का काम चल रहा है। यदि गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी इसमें कोई कमी निकाल दी तो वैकल्पिक व्यवस्था क्या होगी?
जवाब: देखिए सिंथेटिक ट्रैक का काम अंतिम चरण में है। एक कोटिंग और होनी है। 21 व 22 जनवरी तक इसका काम पूरा हो जाएगा। शत प्रतिशत इसी में इवेंट होंगे इसका आश्वासन देती हूं।

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