53 करोड़ की बकायेदार कंपनी पर मेहरबान UJVNL,
कैग की रिपोर्ट में इस बात खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक ऊर्जा निगम ने अधिशेष बिजली की बिक्री के लिए मैसर्स क्रिएट एनर्जी (आइ) प्राइवेट लिमिटेड जिसका नाम पूर्व में मैसर्स मित्तल प्रोसेसर लिमिटेड था के साथ अनुबंध दिया।
ऊर्जा निगम के अधिकारी लगातार भुगतान न कर पाने के बावजूद एक कंपनी पर मेहरबान रहे। करीब 53 करोड़ की बकायेदार कंपनी का अनुबंध बार-बार नवीनीकृत किया जाता रहा।
ऊर्जा निगम के अधिकारी लगातार भुगतान न कर पाने के बावजूद एक कंपनी पर मेहरबान रहे। करीब 53 करोड़ की बकायेदार कंपनी का अनुबंध बार-बार नवीनीकृत किया जाता रहा।
रिपोर्ट के मुताबिक, ऊर्जा निगम ने अधिशेष बिजली की बिक्री के लिए मैसर्स क्रिएट एनर्जी (आइ) प्राइवेट लिमिटेड जिसका नाम पूर्व में मैसर्स मित्तल प्रोसेसर लिमिटेड था के साथ अनुबंध दिया। अनुबंध के अनुसार देय तिथि के बाद बकाया धनराशि पर 15 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से विलंब भुगतान अधिभार लगता। इस फर्म से 10 लाख रुपये अनुबंध निष्पादन प्रत्याभूति भी प्राप्त की गई थी
आडिट में पाया गया कि नौ नवंबर 2016 अनुबंध के अनुसार कंपनी एक्सचेंज के माध्यम से बेची गई ऊर्जा के लिए ऊर्जा निगम को समय पर भुगतान नहीं किया जा रहा था। 27 मार्च 2020 से 21 जून 2020 की अवधि में कंपनी पर बकाया 75.74 करोड़ रुपये हो गया।