राजनीति

फ्रंटफुट पर खेलने वाले पूर्व निदेशक मिश्रा को भुला नहीं सकेगा विपक्ष, शाह के भ्रम ने किया चौकन्ना

संजय मिश्रा ने बतौर ईडी निदेशक, 4 साल और 10 महीने तक काम किया है। सुप्रीम कोर्ट ने जब 11 जुलाई को अपने फैसले में कहा कि ईडी निदेशक, संजय मिश्रा का तीसरा सेवा विस्तार अवैध है, तो विपक्षी दलों के नेताओं ने खुशी जाहिर की थी…

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक संजय कुमार मिश्रा का कार्यकाल 15 सितंबर को समाप्त हो गया है। राहुल नवीन, ईडी के विशेष निदेशक को जांच एजेंसी के कार्यवाहक निदेशक का पदभार सौंपा गया है। चार बार सेवा विस्तार लेने वाले मिश्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में साफ कर दिया था कि वे किसी भी सूरत में 15 सितंबर के बाद अपने पद पर नहीं रहेंगे। हालांकि ‘विपक्ष’ के टॉप लीडर्स को ‘ईडी’ के पूर्व निदेशक मिश्रा को भुला नहीं सकेंगे। सूत्रों का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद संजय मिश्रा की दूसरी पारी जल्द शुरू हो सकती है। संभव है कि मिश्रा को सरकार जिस पद पर बैठाए, वहां से वे जांच एजेंसी पर आसानी से नजर रख सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान को अब विपक्षी नेताओं ने गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों पर खुशी जाहिर करते हुए केंद्र सरकार को घेरा था। तब शाह ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी मना रहे लोग विभिन्न कारणों से ‘भ्रम’ में हैं। अब विपक्षी नेता शाह के ‘भ्रम’ की थ्योरी को समझते हुए ‘2024’ की दहलीज पर कहीं ज्यादा चौकन्ने हो गए हैं।

कब और कैसे बढ़ता रहा मिश्रा का कार्यकाल

1984 बैच के आईआरएस अधिकारी, संजय मिश्रा को 19 नवंबर, 2018 को दो साल के कार्यकाल के लिए ईडी प्रमुख नियुक्त किया गया था। उनका कार्यकाल 13 नवंबर, 2020 को समाप्त होना था, मगर सरकार ने मिश्रा की नियुक्ति को लेकर नियमों में संशोधित कर दिया। नतीजा, ईडी निदेशक का कार्यकाल, दो से तीन वर्ष हो गया। नवंबर 2021 में मिश्रा के पद छोड़ने से पहले, राष्ट्रपति ने दो अध्यादेश जारी किए थे। इनमें से एक ‘दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम’, 1946 और दूसरा ‘केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम’, 2003 था। इनमें संशोधन किया गया। ईडी और सीबीआई निदेशक का कार्यकाल, उनकी नियुक्ति से पांच साल की अवधि तक बढ़ाया जा सकता है। यानी दो साल के कार्यकाल से अलग तीन साल के विस्तार की अनुमति दे दी गई। बाद में यह संशोधन, संसद में भी पारित हो गया। संजय मिश्रा को नवंबर 2021 में सेवा विस्तार मिल गया। इसके बाद नवंबर 2022 में दोबारा से मिश्रा को एक साल का सेवा विस्तार दे दिया गया।

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