इस ब्लड ग्रुप वालों में हृदय रोगों का खतरा अधिक
हृदय रोग, विशेषकर हार्ट अटैक की समस्या गंभीर हो सकती है, जिसका खतरा कम उम्र के लोगों में भी बढ़ता जा रहा है। हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 30 से कम आयु के लोग भी इस तरह की गंभीर समस्याओं के शिकार हो रहे हैं, जोकि जानलेवा भी हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को हृदय रोगों के जोखिमों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। समय रहते इसके जोखिमों को पहचानें और इसका इलाज प्राप्त करें। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ स्थितियां आपमें हृदय रोगों के जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती है, इसमें आपके ब्लड ग्रुप का भी अहम रोल हो सकता है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कुछ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हृदय रोग और हार्ट अटैक होने का खतरा अधिक देखा गया है। वैसे तो यह निश्चित नहीं है लेकिन ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतते रहने की सलाह दी जाती है।
ब्लड ग्रुप और हृदय रोगों का खतरा
हमेशा से यह एक बड़ा प्रश्न रहा है कि क्या कुछ खास ब्लड ग्रुप वाले लोगों में हृदय रोगों का खतरा अधिक हो सकता है? स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इस विषय पर लगातार शोध होते रहे हैं।
शोध में इसके जोखिमों को लेकर लोगों को अलर्ट किया जाता रहा है। अध्ययनकर्ताओं की टीम ने पाया कि ब्लड ग्रुप ए और बी वाले लोगों में, ओ ब्लड ग्रुप वालों की तुलना में खतरनाक रूप से रक्त के थक्के विकसित होने का जोखिम अधिक हो सकता है। रक्त के थक्के बनने की स्थिति हृदय रोगों और हार्ट अटैक के जोखिमों को बढ़ाने वाली मानी जाती रही है।
ओ ब्लड ग्रुप वाले लोगों में जोखिम कम
पिछले शोध में हृदय रोग और एबीओ जीन के बीच एक संभावित संबंध के बारे में भी लोगों को बताया गया है, ये जीन ए, बी या एबी रक्त ब्लड ग्रुप वाले लोगों में मौजूद होते हैं। प्रारंभिक अध्ययन से पता चला है कि वायु प्रदूषण जैसी स्थितियां ऐसे रोगियों में हार्ट अटैक और इससे संबंधित समस्याओं को बढ़ाने वाली हो सकती हैं जिसको लेकर सभी लोगों को विशेष सावधानी और सतर्कता बरतते रहना चाहिए।
चार लाख से अधिक लोगों का पर किए गए अध्ययन मेंके विशेषज्ञों ने बताया कि ओ रक्त समूह वाले लोगों की तुलना में अन्य लोगों की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम 8% और हार्ट फेलियर का जोखिम 10% अधिक था।