Home Tuition in Dehradun
उत्तराखंड

10 महीने बाद फिर चर्चा में पुलिस निजाम की कुर्सी, शासन को भेजे तीन नाम

पिछले साल 30 नवंबर को प्रदेश के 12वें डीजीपी (कार्यकारी) के रूप में 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार की ताजपोशी हुई थी। यह उस शिथिलता के कारण हुआ, जो देश के पांच राज्यों के लिए बरती गई थी।

महज 10 महीनों बाद ही एक बार फिर से पुलिस के नए निजाम की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। तीन दिन पहले नियमित डीजीपी के चुनाव के लिए डीपीसी हुई, जिसके बाद शासन को तीन नाम भेजे गए हैं। फिजाओं में जो बातें तैर रही हैं, उनमें मौजूदा डीजीपी के नाम की चर्चा बिल्कुल नहीं है। तीनों नाम प्रदेश कैडर के ही अधिकारियों के हैं। अब पलड़ा किसका भारी होगा यह देखने वाली बात होगी।

पिछले साल 30 नवंबर को प्रदेश के 12वें डीजीपी (कार्यकारी) के रूप में 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी अभिनव कुमार की ताजपोशी हुई थी। यह उस शिथिलता के कारण हुआ, जो देश के पांच राज्यों के लिए बरती गई थी। इसके तहत कहा गया था कि जहां डीजी रैंक के अधिकारी नहीं हैं वहां 25 वर्ष की सेवा पूरी कर चुके एडीजी रैंक के अधिकारी को कार्यकारी डीजीपी बनाया जा सकता है। इस बीच देश के कई राज्यों को सुप्रीम कोर्ट से इस व्यवस्था को लेकर फटकार भी पड़ी। ऐसे में यहां भी नियमित डीजीपी की खोज की जाने लगी। इसके लिए प्रदेश के सात पुलिस अधिकारियों के नाम फिर यूपीएससी को भेजे गए।

बताया जा रहा है कि डीपीसी बैठक में तीन नाम फाइनल कर यूपीएससी शासन को भेज भी चुका है। इसके बाद से अगले डीजीपी के नाम को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। बताया जा रहा है कि इस बार सूची में दीपम सेठ का नाम भी है।

सेठ पांच साल की केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पूरी कर चुके हैं। फिलहाल उनका कार्यकाल बढ़ना है या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है। जहां तक मौजूदा डीजीपी के नाम की बात है तो उनके नाम की चर्चाएं कम ही हैं। हालांकि, वास्तविकता क्या है और किसके सिर 13वें डीजीपी का सेहरा सजता है, यह सामने आने में अभी 10 दिन का समय लग सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button