दिल्ली में नजफगढ़ नाले पर सियासी बवाल, सफाई का श्रेय लेने की होड़ में एलजी-आप में ठनी
एलजी ने दावा किया है कि दिल्ली सरकार ने नजफगढ़ नाले की सफाई को रोका। वहीं, आप का दावा है कि उपराज्यपाल केवल श्रेय लेने के लिए काम कर रहे हैं। नाले की सफाई का काम दिल्ली सरकार करवा रही थी।
पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होना शुरू हुआ, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर स्टे लगवा दिया। पांच महीने में हुए सारे सफाई के काम ठप हो गए। इसके बाद के 16 महीनों में उन्होंने खुद यमुना सफाई के लिए एक भी काम नहीं किया। इससे यमुना की हालत खराब होने लगी है।
चुनी हुई सरकार ने करवाया काम : आप
आप का कहना है कि एलजी की अध्यक्षता के दौरान दिल्ली में कोई भी नया कार्य नहीं किया गया। सभी कार्य चुनी हुई दिल्ली सरकार की परियोजनाओं के हिस्सा थे। सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, नजफगढ़ ड्रेन या फिर शाहदरा ड्रेन का काम सभी दिल्ली सरकार के अधीन आने वाले जल बोर्ड और बाढ़ एवं सिंचाई विभाग ने किए। एलजी के पास एक भी रुपया स्वीकृत करने का सांविधानिक अधिकार नहीं है।
परियोजनाओं का सारा पैसा दिल्ली सरकार ने विधानसभा के बजट में पास किया है। एलजी केवल श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। वे सोशल मीडिया पर झूठ फैलाकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। एलजी ने कुछ गैर-वैज्ञानिक तरीकों के कारण दिल्ली को एक नुकसान पहुंचाया। उन्होंने बिना किसी वैज्ञानिक दृष्टिकोण के नजफगढ़ नाले के अंदर ग्रेविटेशनल एजीटेशन मेथड द्वारा बहुत सारी गाद को निकलवाया।
उन्होंने यह भी नहीं सोचा कि यह गाद आगे इकट्ठा होकर यमुना के तल में जाकर भर जाएगी, जिससे यमुना में जितना पानी आ सकता था, उसकी कैपेसिटी कम हो जाएगी और यही एक सबसे बड़ा कारण था कि दिल्ली में बाढ़ आई। पार्टी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एलजी को तुरंत उस तथाकथित हाई लेवल कमेटी से हटाया। कोर्ट ने भी प्रथमदृष्टया माना कि एलजी जो कर रहे हैं वह गैर सांविधानिक और गैरकानूनी है।
एलजी कोर्ट के आदेश पर उंगली उठा रहे हैं, जो एक सांविधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। एलजी के अधीन दिल्ली की सुरक्षा और पुलिस है। एलजी को दिल्ली की सुरक्षा और पुलिस व्यवस्था को ठीक करना चाहिए।