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उत्तराखंड

नरिया से बीएचयू और सुंदरपुर से भिखारीपुर तक की सड़कें रिस्क जोन में, जर्जर पाइप लाइन से भी खतरा

: बीएचयू से लेकर नरिया तक और सुंदरपुर सब्जी मंडी से लेकर भिखारीपुर तक पाइप लाइन करीब 50 वर्ष पुरानी है। इसमें लीकेज होने का आशंका ज्यादा है। लोक निर्माण विभाग के आकलन में भी यह बात सामने आई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, जर्जर पाइप लाइन का असर सड़कों तक भी पहुंच सकता है।

वाराणसी में आने वाले दिनों में सिगरा चौराहे पर सड़क धंसने जैसा वाकया शहर के दूसरे क्षेत्रों में भी हो जाए तो हैरत की बात नहीं होगी। पेयजल आपूर्ति लाइन जर्जर होने के कारण इस वक्त नरिया से लेकर बीएचयू और सुंदरपुर सब्जी मंडी से भिखारीपुर तक की सड़कें सबसे ज्यादा रिस्क जोन में हैं।

50 वर्ष पुरानी पाइप लाइन में कई स्थानों पर गाहे-बगाहे लीकेज भी देखा गया है। इससे इन रूटों पर पड़ने वाले चौराहों-तिराहों और नुक्कड़ों पर जहां यातायात का दबाव ज्यादा रहता है, वहां की सड़कों पर ज्यादा खतरा है। शहर के कई इलाकों में जमीन के अंदर पाइप लाइन जर्जर हैं। यह सड़कों के लिए भी खतरा है। बीएचयू से लेकर नरिया तक और सुंदरपुर सब्जी मंडी से लेकर भिखारीपुर तक पाइप लाइन करीब 50 वर्ष पुरानी है। इसमें लीकेज होने का आशंका ज्यादा है। लोक निर्माण विभाग के आकलन में भी यह बात सामने आई है।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक, जर्जर पाइप लाइन का असर सड़कों तक भी पहुंच सकता है। इसमें उन पॉइंट्स को ज्यादा संवेदनशील माना जा रहा है, जहां चौराहे, तिराहे, गलियों का मोड़ होने के कारण यातायात का दबाव ज्यादा रहता है। यूं तो विभाग का मानना है कि पाइप लाइन में कहीं भी लीकेज हो सकती है, लेकिन वाहनों के दबाव के लिहाज से राजेंद्र विहार कॉलोनी, कैलाशपुरी मोड़, पेट्रोल पंप तिराहा, नरिया, गांधी नगर, रोहित नगर आदि इलाके की सड़कें ज्यादा रिस्क में हैं।

जलकल विभाग के सचिव ओपी सिंह कहा कि जेएनएनयूआरएम के तहत शहर में पेयजल और सीवर की नई पाइपलाइन डाली गई थी। कुछ पुरानी पाइपलाइन भी हैं, जिन्हें बदलने का काम चल रहा है।

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