उपद्रवियों का सबसे आसान हथियार पत्थरबाजी, हर उपद्रव में पथराव की घटना आती है सामने
देशभर में पत्थरबाजी आसान हथियार बन गई है। हर उपद्रव में पथराव की घटना सामने आती है। उपद्रवियों के लिए यह सबसे आसान हथियार है।
दंगे के दौरान पत्थरबाजी उपद्रवियों का एक ऐसा हथियार बन गया है जिसे वे अब देशभर में इस्तेमाल करने लगे हैं। आतंकवाद के दौरान जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजी का जमकर इस्तेमाल होता था। हालांकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां पत्थरबाजी में कमी आई है, लेकिन पत्थरबाजी के इस हथियार को देश के कोने-कोने में उपद्रवियों ने इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है।
पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई उपद्रव सामने आए हैं जिनमें जमकर पत्थरबाजी की गई है। बृहस्पतिवार को हल्द्वानी में हिंसा के दौरान पत्थर को हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया गया, जिसमें 300 से ज्यादा पुलिस फोर्स के जवान मीडियाकर्मी और आम जनता घायल हुई है। पत्थरबाजों के इसी पैटर्न पर पड़ताल करती अमर उजाला की रिपोर्ट …
जम्मू-कश्मीर
कभी जम्मू-कश्मीर में आए दिन पत्थरबाजी हुआ करती थी। 2019 के पहले घाटी में हर दिन सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी होती थी। हालांकि अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां पत्थबाजी की घटनाओं में कमी आई है। 2015 से 2019 तक यहां जहां 5063 घटनाएं हुईं वहीं 2019 से 2023 तक मात्र 434 घटनाएं हुईं।
दिल्ली
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान शोभायात्रा निकालने के दौरान पत्थरबाजी और तोड़फोड़ हुई थी। इसके पीछे पीएफआई का हाथ बताया गया था। इसके पहले दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगों में भी पीएफआई की साजिश सामने आई थी। तेलंगाना पुलिस ने अदालत में पेश की गई एक रिपोर्ट में स्वीकार किया कि पीएफआई देश में वर्ग विशेष के युवाओं को गुमराह कर उन्हें पत्थरबाजी करने और हमले करने की ट्रेनिंग दे रहा है। असम में भी संगठन के द्वारा मदरसों में युवाओं को हमला करने की ट्रेनिंग दी जा रही है।
नूंह
जुलाई में हरियाणा के नूंह जिले के बड़कली इलाके में दंगा और आगजनी की शुरुआत हुई थी। यहां एक होटल से जमकर पत्थरबाजी हुई। सरकार के निर्देश पर प्रशासन ने उस होटल को भी जमींदोज कर दिया था। सरकार ने वहां उपद्रवियों की अवैध संपत्तियों को ढहा दिया।
पलामू
झारखंड के पलामू स्थित पांकी में महाशिवरात्रि के तोरणद्वार बनाने को लेकर दो समुदायों में हिंसा के दौरान धार्मिकस्थल से पत्थरबाजी हुई। घर-मकान-दुकान फूंके गए। झड़प में इलाके में तनाव व्याप्त हो गया।
मेवाड़ विवि
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की मेवाड़ यूनिवर्सिटी में कश्मीरी और स्थानीय छात्रों के बीच विवाद हो गया। इस दौरान हुई पत्थरबाजी में कई छात्र घायल हो गए। यहां यूनिवर्सिटी कैंपस में स्थित मेस में खाने के दौरान कश्मीरी छात्रों के साथ स्थानीय युवकों की किसी बात को लेकर बहस हो गई थी।
करौली कांड
करीब डेढ़ साल पहले राजस्थान के करौली में बाइक रैली के दौरान पत्थरबाजी व आगजनी की घटना हुई थी। इसके बाद वहां कर्फ्यू लगाया गया था। भड़की हिंसा के चलते इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी रही।
खरगोन कांड
10 अप्रैल 2022 को मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में हिंदू और मुसलमानों के बीच झड़प हुई। जमकर पत्थरबाजी हुई। खरगोन में करीब 10 घरों को फूंक डाला गया था। एसपी सिद्धार्थ समेत दो दर्जन लोग घायल हुए थे। इस मामले में अब तक 27 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं और दोनों पक्षों के 89 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. राज्य सरकार ने कहा है कि नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी।
हल्द्वानी
बृहस्पतिवार को हल्द्वानी में सरकारी जमीन पर अवैध धार्मिक ढांचा को ढहाए जाने के दौरान जमकर बवाल और पत्थरबाजी हुई। इसमें छह लोगों की मौत हो गई। मीडियाकर्मियों और पुलिस कर्मियों समेत सैकड़ों जख्मी हो गए। इसके चलते यहां कर्फ्यू तक लगाना पड़ा।
हल्द्वानी के बाद बरेली में हंगामा
आठ फरवरी को हल्द्वानी में भड़की हिंसा और पथराव के बाद नौ फरवरी को उत्तर प्रदेश के बरेली में भी हंगामा हो गया। यहां हुए पथराव में चार लोग जख्मी हुए हैं। इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तौकीर रजा ने घटना के विरोध में गिरफ्तारी देने का एलान किया था। तौकीर रजा ने शुक्रवार दोपहर दरगाह आला हजरत पर नमाज पढ़ी। उसके बाद गिरफ्तारी देने के लिए वहां से आगे बढ़े, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद उनके समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी।