तेज हवा से बिगड़ा जनरेटर लेकर जा रहे चिनूक का संतुलन, चिन्यालीसौड़ में हुआ लैंड

उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से भारी मची तबाही है। लापता लोगों की तलाश जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन का आज चौथा दिन है। अब तक फंसे 657 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वायु सेना के चिनूक हेलिकॉप्टर से भारी मशीनरी व रसद पहुंचाई गई है।जनरेटर लेकर उत्तरकाशी आपदाग्रस्त क्षेत्र में जा रहा चिनूक मौसम खराब होने की वजह से चिन्यालीसौड़ में लैंड करना पड़ा। तेज हवाओं के कारण चिनूक का संतुल बिगड़ रहा था। उत्तरकाशी धराली हर्षिल से आपदा प्रभावितों को निकलने के लिए राहत बचाव अभियान जारी हैं। सुबह 11 बजे तक 113 लोगों को मातली हेलीपैड पर पहुंचाया जा चुका है। जहां से उन्हें सकुलन उनके गंतव्य के लिए भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पुनः मतली हेलीपैड पहुंचे और उन्होंने राहत बचाव अभियान की जानकारी ली।मनेरी: उत्तरकाशी से धराली जाने के रास्ते में मनेरी गांव से दो किलोमीटर आगे सड़क का एक हिस्सा टूटकर भागीरथी में समा गया है, जिसे ठीक करने का काम चल रहा है। बड़ी मशीनों के जरिए साइड की पहाड़ी को काटकर शाम तक कच्चा रास्ता बना दिया गया था, हालांकि वहां जिस तरह से नदी का बहाव रास्ते को काट रहा है उससे खतरा बरकरार है।भटवाड़ी : यहां दो जगहों पर चट्टानें गिरने से सड़क पूरी तरह से खत्म हो गई। वह भूस्खलन अभी भी हो रहा हैं। सड़क सुरक्षा संगठन के जवानों ने पहाड़ काटकर भटवाड़ी में पहला पॉइंट पर कच्चा रास्ता बना दिया है, देर शाम उससे एक किलोमीटर आगे दूसरे रास्ते को भी छोटी गाड़ियों के लिए तैयार कर दिया था।गंगनानी : भटवाड़ी से 15 किलोमीटर आगे एक पुल भी बह गया है। सड़क सुरक्षा संगठन के जवान पैदल चलकर पुल वाली जगह का मुआयना करके आ चुके हैं। अब इसे दोबारा शुरू करने की रणनीति बनाई जा रही है।डबरानी : गंगनानी से आगे डबरानी में भी सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया है। जवानों को आशंका है कि जैसे-जैसे वे आगे बढ़ेंगे, रास्ते में और भी कई क्षतिग्रस्त हिस्से मिल सकते हैं।धराली में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हुए रास्तों को खोलने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद से चीन बॉर्डर से पोकलैंड मशीनों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है। सीमा सुरक्षा संगठन के जवान दिन-रात इन रास्तों को बनाने में जुटे हैं, लेकिन गंगोत्री मार्ग पर बार-बार हो रहे भूस्खलन एक बड़ी चुनौती है। सड़क सुरक्षा संगठन के अधिकारियों का कहना है कि चीन सीमा से पोकलैंड मशीनों को चिनूक हेलिकॉप्टर के जरिए धराली पहुंचाया जा रहा है। ताकि उसकी मदद से रास्ते खोलने के काम में तेजी लाई जा सके।सीएम पुष्कर सिंह धामी मातली में आपदा पीड़ितों से मिले और फिर धारली के लिए रवाना हो गए।इसरो (ISRO) की सैटेलाइट तस्वीर ने उत्तरकाशी की तबाही की तस्वीर दिखाई हैं। तस्वीरों में 20 हेक्टेयर क्षेत्र में मलबा फैला है। नदी का रास्ता पूरी तरह बदला है। कई इमारतें जलमग्न है। और कुछ पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। तस्वीरों में धाराली गांव की तबाही साफ दिख रही है।आपदा स्थल पर पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना, फायर, राजस्व आदि की टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं। आपदा ग्रस्त क्षेत्र में फंसे लोगों को प्रातः से ही हेली के माध्यम से आईटीबीपी मातली पहुंचाने का सिलसिला निरंतर जारी है। आज प्रातः 9 बजे तक 55 लोगों को आईटीबीपी मातली सिफ्ट किया गया है।आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अगले हफ्ते केंद्र की अंतर मंत्रालय टीम दौरा करेगी। इस टीम में विभिन्न मंत्रालय के विशेषज्ञ नुकसान का जायजा लेने के साथ ही बचाव व राहत कार्यों की रणनीति भी तैयार करेंगे। इसके अलावा भागीरथी में बन रही झील से पानी की निकासी की निगरानी के लिए सेना व राज्य की संयुक्त टीम करेगी।बृहस्पतिवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने राज्य अधिकारियों के साथ धराली आपदा में बचाव व राहत कार्यों की समीक्षा की। प्राधिकरण के विभागाध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा, एनडीएमए की ओर से रेस्क्यू अभियान की निगरानी की जा रही है। एनडीएमए के स्तर से जो भी सहायता उत्तराखंड को चाहिए, वह तुरंत उपलब्ध कराई जाएगी। धराली में पुनर्निर्माण कार्यों के लिए केंद्र सरकार के स्तर से हर संभव आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। क्षति के प्रारंभिक आकलन के लिए अगले सप्ताह टीम आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दूसरे दिन भी आपदा से ग्रसित धराली व सैंजी क्षेत्र में ग्राउंड जीरो पर डटे रहे। उन्होंने आपदा प्रभावित परिवारों से मिल कर उनके आंसू पोछे और सरकार की तरफ हरसंभव मदद का भरोसा दिया। सीएम ने कहा, प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हर व्यक्ति को निकालने तक बचाव अभियान जारी रहेगा। इस दौरान उन्होंने बचाव एवं राहत कार्यों पर भी निगरानी रखी और अफसरों से लगातार अपडेट लेते रहे।सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, राजपूताना राइफल्स, सेना की घातक टीम, एसएफ आर्मी के जवान धराली आपदा ग्रस्त क्षेत्र में लापता लोगों की तलाश व बचाव कार्य में लगातार जुटे हुए हैं।