Home Tuition in Dehradun
उत्तराखंड

राम मंदिर कार्यक्रम के प्रसारण पर कथित रोक पर तमिलनाडु पुलिस का हलफनामा, कही ये बात

डीजीपी ने बताया कि ‘लाइव प्रसारण के साथ ही राज्य के कई मंदिरों में पूजा-अर्चना भी हुई थी और उस दौरान पुलिस या राज्य सरकार द्वारा कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया था।’

तमिलनाडु में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के प्रसारण पर कथित रोक के मामले में पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में  हलफनामा दायर किया है। अपने हलफनामे में तमिलनाडु पुलिस के डीजीपी ने कहा है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर राज्य के कई मंदिरों में कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हुआ था। पुलिस ने हलफनामे में तमिलनाडु भाजपा के दावों को भी गलत बताया और कहा कि सरकार को हिंदू विरोधी दिखाने को कोशिश की गई, लेकिन ये गलत है।

तमिलनाडु पुलिस ने आरोपों से किया इनकार
डीजीपी ने बताया कि ‘लाइव प्रसारण के साथ ही राज्य के कई मंदिरों में पूजा-अर्चना भी हुई थी और उस दौरान पुलिस या राज्य सरकार द्वारा कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया था। ये जो आरोप है कि तमिलनाडु के सीएम ने मौखिक तौर पर कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगाई थी, यह आरोप पूरी तरह से गलत और आधारहीन है।’ सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले पर सुनवाई करेगा। तमिलनाडु पुलिस ने बताया कि ‘भाजपा के प्रदेश सचिव विनोज पी सेल्वम ने तमिलनाडु सरकार को हिंदू विरोधी दिखाने की कोशिश की, जो कि बिल्कुल गलत और निंदनीय है।’ 

क्या है मामला
तमिलनाडु भाजपा ने आरोप लगाया था कि बीती 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान राज्य सरकार ने राज्य के मंदिरों में कार्यक्रम के लाइव प्रसारण और विशेष पूजा अर्चना पर रोक लगा दी थी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राज्य सरकार पर ऐसे ही आरोप लगाए थे और कहा था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर धार्मिक कार्यक्रम करने के लिए लोगों को धमकाया जा रहा है। उन्होंने सरकार के इस कदम की तीखी आलोचना की थी। तमिलनाडु भाजपा ने राज्य सरकार पर लोगों को मिले मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। राज्य सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया था। हालांकि भाजपा अपने दावे को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button