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उत्तराखंड

टिन की छत से बारिश का पानी टकराते ही बजता है खतरे का अलार्म

कोटाबाग। विकासखंड कोटाबाग की ग्राम सभा सलवा में स्थित प्राथमिक विद्यालय पिछले कई वर्षों से मरम्मत के अभाव में जर्जर हालत में पहुंच चुका है। लोहे की चादरों से बनी विद्यालय की छत पूरी तरह गल चुकी है, जो कभी भी गिर सकती है। इस विद्यालय में वर्तमान में 12 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जबकि 6 बच्चे आंगनबाड़ी में अध्ययनरत हैं।विद्यालय का भवन वर्ष 1984 में निर्मित किया गया था। उसके बाद से आज तक भवन की कोई मरम्मत नहीं कराई गई। इस कारण दीवारों का प्लास्टर गिर रहा है। छत में लगी टिन पूरी तरह सड़ चुकी है। हल्की बारिश में ही छत से पानी टपकने लगता है, जिससे बच्चों को खतरा बना रहता है। बरसात टिन की छत में जब बारिश का शोर होता है तो वह बच्चों को और डराता है। विद्यालय में पहले दो शिक्षक तैनात थे, लेकिन पिछले दो महीनों से एक शिक्षक की ड्यूटी बैलपड़ाव विद्यालय में लगा दी गई है, जिससे यहां पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। ग्राम प्रधान दयाल सनवाल का कहना है कि जल्द भवन की मरम्मत नहीं हुई तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है। बच्चों से सिर पर हर वक्त खतरा मंडरा रहा है, मगर सुनने वाला कोई नहीं है। विद्यालय में तैनात शिक्षक कैलाश भट्ट का कहना है कि विद्यालय की जर्जर स्थिति से उच्चाधिकारियों का अवगत कराया जा चुका है। विद्यालय में दो टीचर तैनात थे। एक टीचर की ड्यूटी बैलपड़ाव लग जाने के कारण वह विद्यालय में अकेले हैं।प्राथमिक विद्यालय सलवा में दो टीचर तैनात थे। कुछ समय पूर्व बैलपड़ाव में एक स्कूल टीचर विहीन होने के कारण उक्त टीचर की ड्यूटी वहां लगाई गई। जर्जर स्कूल भवन की मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है।





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