Home Tuition in Dehradun
Uttarakhand Election Promotion 2024
उत्तराखंड

BCA पास है सरगना…दिल्ली में सीखी ठगी, पोर्टल प्रतिबिंब के जरिये ठगों तक पहुंची क्राइम ब्रांच

बीसीए कर चुका गिरोह का सरगना अभिषेक प्रताप दिल्ली में रहकर सन 2013 से 2015 तक दो साल कॉल सेंटर में काम कर चुका है। वर्ष 2018 में साइबर धोखाधड़ी के मामले में तिहाड़ जेल भी गया था। इसके बाद 2020 में कानपुर आ गया। दिल्ली में ठगी का गुर सीखने के बाद उसने काकादेव में कॉल सेंटर खोला।

कानपुर काकादेव में तीन साल से चल रहे ठगी के कॉल सेंटर का गुरुवार को पर्दाफाश करते हुए क्राइम ब्रांच ने मास्टरमाइंड जीजा-साले व दो युवतियों को गिरफ्तार किया है। ये लोग इंटरनेट कॉल कर क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने, रिवार्ड प्वाइंट रिडीम कराने के नाम पर लोगों को ठगते थे। ठगी के रुपये किराये पर लिए गए दिल्ली, उड़ीसा, बिहार समेत अन्य राज्यों के खातों में ट्रांसफर कर लेते थे।

पुलिस के मुताबिक तीन साल में इन लोगों ने करोड़ों की ठगी की है। इसकी भी जांच की जा रही है। डीसीपी क्राइम व मुख्यालय आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि इन लोगों ने दिखावे के लिए आगे शारदा डॉग-कैट फीड्स (पालतू पशुओं का भोजन) की दुकान खोल रखी थी और पीछे फर्जी कॉल सेंटर चल रहा था।

आगे की दुकान से नौबस्ता हंसपुरम निवासी मास्टरमाइंड अभिषेक प्रताप सिंह और उसके साले कल्याणपुर निवासी अरुण प्रताप सिंह को पकड़ा गया।  कॉल सेंटर से रावतपुर गांव निवासी विभा सिंह और नई बस्ती आदर्शनगर रावतपुर में रहने वाली शिवांशी को पकड़ा गया। लोगों का कॉल कर फंसाने का काम ये युवतियां ही करती थीं।

साइबर व क्राइम ब्रांच टीम को 25 हजार रुपये का इनाम
आरोपियों के पास से 11 मोबाइल फोन, 21 सिमकार्ड, एक पेन ड्राइव, एक लैपटॉप, एक स्टांप मुहर, 15 डेबिट, क्रेडिट कार्ड, जानकारियों से भरी पांच नोटबुक व अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर और एसीपी क्राइम ने बताया कि इस गिरोह का पर्दाफाश करने वाली साइबर व क्राइम ब्रांच टीम को 25 हजार रुपये का इनाम दिया गया है।

झांसे में लेकर हासिल कर लेते थे कार्ड नंबर और ओटीपी… फिर पैसा पार
डीसीपी ने बताया कि कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियां लोगों को इंटरनेट कॉल करती थीं। क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़वाने, रिवार्ड प्वाइंट रिडीम कराने का झांसा देकर बातों में फंसा लेती थीं। रिवार्ड प्वाइंट रिडीम कराने के नाम पर आठ से 10 हजार रुपये के गिफ्ट वाउचर भी देने का लालच देती थीं।

एप से रकम निकाल लेती थीं
कार्ड का नंबर, सीवीवी नंबर आदि हासिल कर लेती थीं। इसके बाद थर्ड पार्टी एप डाउनलोड कराकर ओटीपी हासिल कर लेती थीं और क्रेडिट कार्ड से एकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने वाले एप (नोब्रोकर, फोन पे, हाउसिंग डाटा डॉट कॉम, मोबीक्विक) से रकम निकाल लेती थीं।

जिस नंबर से इंटरनेट कॉल की जा रहीं थीं, उसका हॉट स्पॉट काकादेव में सक्रिय मिला
डीसीपी क्राइम व मुख्यालय आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि गाजियाबाद जिले के गौर होम्स गोविंदपुरम निवासी कोविंद भारद्वाज से साइबर ठगी हुई थी। उनके क्रेडिट कार्ड से 1.72 लाख रुपये निकाल लिए गए थे। उन्होंने हेल्पलाइन नंबर 1930 पर सूचना देने के बाद साइबर पोर्टल पर सारी जानकारी अपलोड की।

आगे डॉग-कैट फीड्स की दुकान, पीछे फर्जी कॉल सेंटर
एक-दूसरे से जुड़े होने की वजह से प्रतिबिंब पोर्टल पर काम कर रही टीम को इस मामले की जानकारी हुई। जिस नंबर से इंटरनेट कॉल की गई थी, उसके बारे में पड़ताल शुरू की गई। गूगल के माध्यम से पता चला कि जिस नंबर से फोन किया गया, उसका हॉट स्पॉट काकादेव में शारदा डॉग-कैट फीड्स की दुकान में सक्रिय है। टीम ने छापा मारा, तो पीछे फर्जी कॉल सेंटर भी चलता मिला।

बीसीए पास सरगना ने दिल्ली में साइबर ठगी सीख काकादेव में खोला ठगी का सेंटर
बीसीए कर चुका गिरोह का सरगना अभिषेक प्रताप दिल्ली में रहकर सन 2013 से 2015 तक दो साल कॉल सेंटर में काम कर चुका है। वर्ष 2018 में साइबर धोखाधड़ी के मामले में तिहाड़ जेल भी गया था। इसके बाद 2020 में कानपुर आ गया। दिल्ली में ठगी का गुर सीखने के बाद उसने काकादेव में कॉल सेंटर खोला। खाली घूम रहे अपने साले अरुण को भी इस धंधे में शामिल कर लिया। लोगों को जाल में फंसाने के लिए दोनों युवतियों को नौकरी दी।

एक प्रतिष्ठित कंपनी से खरीदा डाटा, प्रति डाटा पांच पैसे भुगतान
डीसीपी क्राइम के मुताबिक आरोपियों ने एक प्रतिष्ठित कंपनी से पांच पैसे प्रति डाटा के हिसाब से डाटा खरीदा था। युवतियों को रोज 100 से 200 कॉल करने का लक्ष्य दिया गया था। इनको सूची दी जाती थी।

जानिये क्या है प्रतिबिंब पोर्टल
साइबर अपराध पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार ने 2017 में प्रतिबिंब पोर्टल की शुरुआत की थी। इसमें साइबर अपराध से जुड़े मामले लोग दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा पुलिस की ओर से अपराधियों का रिकॉर्ड भी इसमें दर्ज किया जाता है। जीपीएस से लैस इस पोर्टल की खासियत यह है कि इसमें इंटरनेट कॉल की भी लोकेशन ट्रेस की जा ंसकती है। इसकी मदद से ही पुलिस काकादेव के फर्जी कॉल सेंटर पहुंची थी। इस पोर्टल में देश के सारे फर्जी नंबर और फर्जी खातों का भी ब्योरा रहता है।

रहें सावधान, तभी होगा बचाव
डीसीपी क्राइम ने अपील की है कि किसी के बहकावे में न आएं। कोई भी कंपनी या व्यक्ति आपको बेवजह कुछ नहीं देता है। साइबर ठग आपके लालच और जानकारी न होने का फायदा उठाते है। किसी से व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। साइबर ठगी होती है तो 1930 पर घटना की सूचना तुरंत दें।

Register Your Business Today

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button