अंतरराष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस 2024 के उपलक्ष्य में तृतीय महिला विज्ञान संचारक सम्मान प्रदान किया गया।
स्पेक्स देहरादून द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस 2024 के उपलक्ष्य में तृतीय महिला विज्ञान संचारक सम्मान प्रदान किया गया। जिन महिला वैज्ञानिकों ने स्वास्थ्य, मनोविज्ञान,संगीत,गणित, बागवानी तकनीकी के क्षेत्र में कार्य करने वाली कर्मठ, लगनशील, स्वाबलम्भी व समाज के लिए प्रेरणा बनी मातृ शक्ति को विज्ञान संचारक सम्मान-2024 से अलंकृत किया गया। सनराइज एकेडमी ,गति संस्था , मंथन वेलफेयर सोसाइटी एवं कुसुम कांता फाउंडेशन ने सहयोग दिया हैं.
सम्मानित महिलाओं में प्रोफेसर वर्षा पार्चा जिन्होंने 27 वर्ष तक विज्ञान की सेवा करते हुए 6 पुस्तक,134 शोध पत्र तथा अनगिनत पुरस्कार प्राप्त किए। डॉ अर्चना बहुगुणा वन जीवन फोरेंसिक और आण्विक प्रणाली विज्ञान की जानीमानी वैज्ञानिक हैं,प्रोफेसर अनीता गहलोत ने 63 अंतर्राष्ट्रीय व 37 भारतीय पेटेंट प्राप्त किया है तथा 42 पुस्तकें एवं 357 शोध पत्र भी लिखें है, डॉ कौशल्या डंगवाल का कैंसर बाईलोजी तथा पर्यावरण बायो टेक्नोलोजी पर कार्यरत हैं, डॉ दीपिका चमोली शाही एक जानीमानी क्लीनिकल हिप्नोथैरेपी एवं मैंटल हेल्थ में महत्त्वपूर्ण योगदान है , डॉ अंकिता सिंह डी एन ए की गुणवत्ता प्रबंधन प्रयोगशाला में कार्यरत हैं, डॉ प्रीति खंडूरी वनस्पति विज्ञान की वैज्ञानिक हैं , डॉ मनिषा नैथानी अखिल भारतीय मेडिकल संस्थान से सम्बद्ध हैं, डॉ मीरा दास गुप्ता शास्त्रीय संगीत की जानी मानी हस्तियों में से एक है।, श्रीमती सोनाली अग्रवाल डी आर डी ओ में वरिष्ठ वैज्ञानिक हैं व श्रीमती ईशा कलूडा ये जमीनी स्तर पर विज्ञान से महिलाओं को रोजगार से जोड़े हुए हैं व हिमालय रत्न से सम्मानित है।, डॉ मीनाक्षी रावत आई आई टी रुड़की में इलेक्ट्रोनिकस व संचार के क्षेत्र में शोधरत हैं, डॉ सुरभि पाण्डेय बागवानी व कृषि के क्षेत्र में जानीमानी वैज्ञानिक हैं व राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित हैं।
सम्मान समारोह की संयोजिका मोना बाली ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय महिला एवं बालिका विज्ञान दिवस पर गत वर्षों से महिला विज्ञान संचारक सम्मान उन महिला वैज्ञानिकों को देते आ रहे हैं जिनका विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य समाज को दिशा दे रहा है। इस कार्यक्रम का यह भी उद्देश्य है कि छात्राओं में विज्ञान की अभिरुचि पैदा करना तथा भविष्य के वैज्ञानिक बनना। इस कार्यक्रम में डॉ पारुल सिंघल ने भारतीय महिला वैज्ञानिकों की भूमिका पर व्याख्यान दिया।इस व्याख्यान में वर्ष 1848 से लेकर 2023 तक उन सभी महान व प्रथम महिला वैज्ञानिकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
मुख्य अतिथि मधु भट्ट जी राज्य मंत्री संस्कृति कला एवं साहित्य कला परिषद, उत्तराखंड सरकार ने अपने उद्धबोधन में कहा कि महिला एवं बालिका विज्ञान संचारक सम्मान-2024 उन महिलाओ के लिए उत्प्रेरक का कार्य करेगा जो विज्ञान व तकनीकी के क्षेत्र में आगे बढ कर अपना मुकाम हासिल करना चाहती हैं। इस प्रकार की पहल से समाज में महिलाओं के प्रति सोच तो बदलती ही है साथ ही साथ महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी प्राप्त होती है। आज इस समारोह में कुछ महिला साथी ऐसी भी हैं जो विज्ञान के क्षेत्र से तालुक नहीं रखती परन्तु उनकी सोच व कार्य में विज्ञान समाहित है। ऐसी सभी सम्मानित विज्ञान संचारकों को बधाई शुभकामनाएं। उनके द्वारा सरकार की विभिन्न योजनाओं के विषय में जानकारी दी गई जो महिलाओं के उत्थान के लिए संचालित हो रही हैं। विज्ञान हर जगह और हर कार्य में है बस आवश्यकता है उसे समझने की व उसे और निखारने की। कार्यक्रम का संचालन नीतिका द्वारा किया गया । इस कार्यक्रम में स्पेक्स के अध्यक्ष डॉ बृज मोहन शर्मा, मोना बाली, राम तीरथ मौर्य ,श्रुति व्यास, सनराइज एकेडमी की एम डी पूजा पोखरियाल, बी एड डिपार्टमेंट की प्राचार्या पूनम शर्मा, सनराइज एकेडमी की प्रधानाचार्या नीतू तोमर, अध्यापिका मोनिका, डॉ हरि राज सिंह, अमित पोखरियाल,अनिल जग्गी, डॉ नरोत्तम शर्मा आदि उपस्थित रहे।
डॉ बृज मोहन शर्मा
अध्यक्ष
स्पेक्स