गूगल Chrome का यह फर्जी अपडेट आपको दे सकता है बड़ा नुकसान,
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने एक नए मैलवेयर की पहचान की है जिसका नाम “FakeUpdateRU” बताया जा रहा है। यह पिछले SocGholish मैलवेयर से अलग है, जिसे रैंसमवेयर अटैक के एक अलग हैकर ग्रुप ने तैयार किया है।
साइबर सिक्योरिटी के मामले दिनों-दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। साइबर ठग हर दिन नए-नए तरीके अपना रहे हैं। अब ठगों ने लोगों को अपना शिकार बनाने के लिए नया तरीका निकाला है। साइबर चोरों ने अब लोगों को ठगने के लिए सबसे बड़ा हथियार निकाला है। ठगों ने गूगल क्रोम का फेक अपडेट वर्जन रिलीज किया है।
गूगल क्रोम के इस फेक वर्जन में रिमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) है जिसकी मदद से हैकर्स आपके सिस्टम को दूर बैठे-बैठे कंट्रोल कर सकते हैं। यह रैंसमवेयर अटैक का ही एक हिस्सा है। रैंसमवेयर अटैक में हैकर्स लोगों का डाटा अपने कब्जे में ले लेते हैं और फिर फिरौती की मांग करते हैं।
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने एक नए मैलवेयर की पहचान की है जिसका नाम “FakeUpdateRU” बताया जा रहा है। यह पिछले SocGholish मैलवेयर से अलग है, जिसे रैंसमवेयर अटैक के एक अलग हैकर ग्रुप ने तैयार किया है।
पिछले कुछ दिनों में इसी तरह के कई हैकर्स ग्रुप सामने आए हैं, जिस पर Google की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। गूगल ने इस मैलवेयर को फैलाने वाली कई सारी साइट्स को ब्लॉक कर दिया है, हालांकि कई साइट अभी भी फेक क्रोम अपडेट को रिलीज कर रही हैं।
बता दें कि हाल ही में Google ने अपने प्ले-स्टोर को सुरक्षित बनाने के लिए कंपनी ने डेवलपर पॉलिसी को अपडेट किया है। नए अपडेट में साथ प्ले-स्टोर पर जेनरेटिव AI के इस्तेमाल पर फोकस किया गया है। नई पॉलिसी के तहत एप डेवलपर्स को एआई जेनरेटेड आपत्तिजनक कंटेंट को रिपोर्ट करने के लिए ऑप्शन देना होगा। ऐसे में यूजर्स किसी एप के कंटेंट को लेकर रिपोर्ट कर सकेंगे और फीडबैक दे सकेंगे।