कांग्रेस का यह दांव प्रधानमंत्री मोदी की राह में सबसे बड़ा रोड़ा, मायावती भी हो जाएंगी चित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर और अपने कठोर हिंदुत्व प्लान के जरिए दलित मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने में बड़ी सफलता पाई थी। ऐसे में यदि कांग्रेस मल्लिकार्जुन खरगे के रूप में दलित कार्ड खेलती है तो इससे भाजपा को भी बड़ा नुकसान हो सकता है।
भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए ‘मिशन 80’ योजना पर काम कर रही है। उसकी योजना है कि यदि वह अपने सबसे मजबूत गढ़ यूपी को बचाने में सफल हो जाती है तो 2024 में केंद्र की सत्ता में आने की उसकी राह आसान हो जाएगी। लेकिन कांग्रेस ने देश के इस सबसे बड़े राज्य में अपने आप को मजबूत बनाने के लिए जो योजना बनाई है, यदि वह सफल हुई तो भाजपा की इस योजना को करारी चोट लग सकती है। इससे केवल भाजपा को ही नुकसान नहीं होगा, बल्कि मायावती को भी अब तक का सबसे बड़ा झटका लग सकता है।
दरअसल, चर्चा है कि कांग्रेस यूपी में अपनी वापसी के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। इसके लिए राहुल गांधी के साथ-साथ प्रियंका गांधी को भी प्रदेश की किसी सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है। अब इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए कांग्रेस ने अपने दलित नेता और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को भी मैदान में उतारने का प्लान बना लिया है। उन्हें बाराबंकी या इटावा से उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा चल रही है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश या दलित मतदाता बहुल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूती दे सकती है। यदि ऐसा हुआ तो अब तक मायावती के साथ मजबूती के साथ खड़े रहे दलित मतदाताओं की एक बड़ी संख्या कांग्रेस के पक्ष में मुड़ सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर और अपने कठोर हिंदुत्व प्लान के जरिए दलित मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने में बड़ी सफलता पाई थी। 2014 से लेकर 2022 तक भाजपा की यही योजना उसे यूपी में बड़ी ताकत बनाने में सबसे कारगर साबित हुई है। ऐसे में यदि कांग्रेस मल्लिकार्जुन खरगे के रूप में दलित कार्ड खेलती है तो इससे भाजपा को भी बड़ा नुकसान हो सकता है।