मुश्किल में घिरे तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी, अभिनेत्री को परेशान करने के केस में बनाए गए आरोपी
तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को एक अभिनेत्री को परेशान करने के मामले में लगातार सुर्खियों में हैं। हाल ही में तीनों को निलंबित कर दिया गया था। अब इस केस में उन्हें आरोपी बनाया गया है।
मुंबई के एक अभिनेत्री कादंबरी जेठवानी को इस साल की शुरुआत में फंसाने, गिरफ्तार करने और परेशान करने के आरोप में हाल ही में आंध्र प्रदेश के तीन वरिष्ठ आईपीएस अफसर को निलंबित कर दिया गया था। इन तीनों अधिकारियों की मुश्किलें अब भी कम होती नहीं दिख रही हैं। दो अन्य पुलिसकर्मियों के साथ अब उन्हें भी इस मामले में आरोपी बनाया गया है।
तीन आईपीएस को बनाया गया आरोपी
इस मामले में वाईएसआरसीपी नेता कुक्काला विजयसागर मुख्य आरोपी हैं। हाल ही में उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार किया था। आरोपी आईपीएस की तिकड़ी में पूर्व खुफिया प्रमुख पीएसआर अंजनेयुलु, पूर्व एनटीआर जिला पुलिस आयुक्त कांति राणा टाटा और पूर्व एनटीआर जिला ग्रामीण डीसीपी विशाल गुन्नी हैं। इब्राहिमपटनम के पूर्व सर्कल इंस्पेक्टर सत्यनारायण और पूर्व पश्चिम क्षेत्र के एसीपी हनुमंथा राव को भी इस केस में आरोपी बनाया गया है। पांचों अधिकारियों पर मुंबई में यौन उत्पीड़न की शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर करने के कथित प्रयास में विद्यासागर के साथ मिलकर अभिनेता को फंसाने का आरोप है।
न्यायिक हिरासत में मुख्य आरोपी
पीएसआर अंजनेयुलु को आरोपी नंबर दो बनाया गया है। वहीं, कांति राणा टाटा, हनुमंथा राव, सत्यनारायण और विशाल गुन्नी को क्रमशः आरोपी नंबर तीन, चार, पांच और छह बनाया गया है। हफ्तों तक फरार रहने के बाद शुक्रवार को देहरादून से गिरफ्तार किए गए कुक्काला विद्यासागर पर अभिनेत्री ने उन्हें और उनके परिवार को जालसाजी और जबरन वसूली के एक मामले में झूठा फंसाने का आरोप लगाया था। कुक्काला के इन आरोपों की वजह से इस साल फरवरी में आंध्र प्रदेश पुलिस ने अभिनेत्री को अवैध रूप से हिरासत में लिया और परेशान किया। अब इस मामले में गिरफ्तारी के बाद कुक्काला विद्यासागर को सोमवार को 4 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अभिनेत्री ने लगाए गंभीर आरोप
गौरतलब है कि अभिनेत्री को उनके बुजुर्ग माता-पिता के साथ 2 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और 42 दिन जेल में बिताने के बाद जमानत पर रिहा किया गया था। उन्होंने कुछ हफ्ते पहले इब्राहिमपटनम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विद्यासागर ने जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करके उन्हें झूठा फंसाया। उन्होंने यह भी कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें धमकी दी कि अगर यह मामला वापस नहीं लिया तो उनके खिलाफ और भी झूठे मामले दर्ज किए जाएंगे।