30 जून तक रिटायर होने जा रहे अफसरों-कर्मचारियों का तबादला और चुनाव ड्यूटी नहीं, सीएस को भेजा पत्र
चुनाव आयोग से इस संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। इसमें उन सभी अफसरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है, जो चुनाव के मद्देनजर ट्रांसफर किए जाने हैं।
अगले साल 30 जून तक रिटायर होने जा रहे अफसरों-कर्मचारियों की लोकसभा चुनाव में न तो चुनाव ड्यूटी लगेगी और न ही उनका तबादला होगा। बाकी प्रशासन, पुलिस और आबकारी के तीन साल से जमे अफसरों और चुनाव ड्यूटी को प्रभावित करने वाले कर्मचारियों का तबादला 31 जनवरी तक करना है। मुख्य सचिव और डीजीपी को तबादलों के बाद अपनी रिपोर्ट 31 जनवरी तक आयोग को भेजनी है।
संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रताप शाह ने बताया कि चुनाव आयोग से इस संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है। इसमें उन सभी अफसरों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है, जो चुनाव के मद्देनजर ट्रांसफर किए जाने हैं। उन्होंने बताया कि किसी विभाग के निदेशालय में तैनात अधिकारी, कर्मचारी इसके दायरे में नहीं आएंगे। डॉक्टर, इंजीनियर, शिक्षक, प्राचार्य आदि भी चूंकि चुनाव से सीधे नहीं जुड़ते इसलिए वह तबादले के दायरे में नहीं आएंगे।
इनमें से अगर कोई सरकारी अफसर किसी पार्टी विशेष के प्रति रुझान रखता है या उसकी गतिविधियों में लिप्त रहा है तो उसे तबादले के दायरे में लाया जाएगा। इसी प्रकार, चुनाव ड्यूटी में बतौर सेक्टर ऑफिसर या जोनल मजिस्ट्रेट लगे अफसर भी तबादले की जद में नहीं आएंगे। अगर किसी अफसर पर पूर्व के किसी चुनाव में किसी आरोप में केस लंबित हैं तो उसे चुनाव ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा। आयोग के मुताबिक, अगर किसी अफसर या कर्मचारी के रिटायरमेंट में 30 जून की कटऑफ तिथि के हिसाब से छह माह या इससे कम समय बचा है तो वह न चुनाव ड्यूटी में शामिल होगा न उसका तबादला होगा।
अफसर को हटाने में परेशानी तो आयोग को बताएं
तीन साल के नियम में भी अगर किसी जिले में किसी अफसर को किसी कारण हटाने में परेशानी है तो सरकार को इसकी जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से चुनाव आयोग को भेजनी होगी। इसके बाद आयोग के निर्देशों का पालन करना होगा।
इन पर लागू होगा नियम
प्रशासन : जिले के अधिकारी जैसे जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, रिटर्निंग ऑफिसर, असिस्टेंट रिटर्निंग ऑफिसर, एडीएम, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, ज्वाॅइंट मजिस्ट्रेट, तहसीलदार, बीडीओ आदि। इसके अलावा सभी नगर निकायों और विकास प्राधिकरणों में भी ये नियम लागू होगा।
पुलिस : रेंज के एडीजी या आईजी, डीआईजी, स्टेट आर्म्ड पुलिस के कमांडेंट, एसएसपी, एपी, एडिशनल एसपी, सब डिवीजनल हेड, एसएचओ, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर आदि। पुलिस विभाग के कंप्यूटराइजेशन, स्पेशल ब्रांच, ट्रेनिंग आदि में लगे कर्मचारियों व अधिकारियों पर ये नियम लागू नहीं होगा। आयोग ने ये भी स्पष्ट किया है कि कोई भी दरोगा अपने गृह जिले में तैनात नहीं किया जा सकता। अगर कोई दरोगा पुलिस सब डिवीजन में तीन वर्ष का मानक पूरा का चुका है तो उसे दूसरी सब डिवीजन में भेजना होगा। दूसरे जिले में भी भेजा जा सकता है।
आबकारी : आबकारी विभाग में भी सब इंस्पेक्टर से लेकर ऊपर के सभी पदों पर पुलिस की भांति ही नियम लागू होगा।