रिवर ड्रेजिंग में मशीनों के प्रयोग से मुहैया होगी अधिक खनन सामग्री, सभी बड़े प्रोजेक्टों को राहत
रिवर ड्रेजिंग का परमिट होने के बावजूद कई लोगों ने खनन का कार्य बंद कर दिया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अब इसमें तेजी आएगी। 14 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने गगन पराशर बनाम उत्तराखंड व अन्य की याचिका पर रिवर ड्रेजिंग कार्यों में मशीनों के प्रयोग के आदेश पारित किया था।
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश की नदियों में रिवर ड्रेजिंग में मशीनों के प्रयोग की अनुमति दे दी है। इससे अब ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना समेत उन सभी बड़े प्रोजेक्टों को राहत मिलेगी, जिन्हें राज्य के बाहर से खनन सामग्री लानी पड़ रही है।
रिवर ड्रेजिंग के कार्य मैन्युअली होने से बहुत कम खनन सामग्री निकाली जा रही थी। रिवर ड्रेजिंग का परमिट होने के बावजूद कई लोगों ने खनन का कार्य बंद कर दिया था, लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद अब इसमें तेजी आएगी। 14 दिसंबर को उच्च न्यायालय ने गगन पराशर बनाम उत्तराखंड व अन्य की याचिका पर रिवर ड्रेजिंग कार्यों में मशीनों के प्रयोग के आदेश पारित किया था।
अपर सचिव औद्योगिक विकास (खनन) लक्ष्मण सिंह ने सभी डीएम को कोर्ट के आदेश का अनुपालन करने के संबंध में पत्र जारी कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों के रिवर ड्रेजिंग कार्य अल्प अवधि की खनन अनुज्ञा (परमिट) है, जिसे औद्योगिक विकास (खनन) विभाग समय-समय पर जारी करता है। सरकार ने इस साल पर ऐसे परमिट जारी किए।
इनमें रेलवे विकास निगम लिमिटेड भी शामिल है, लेकिन मशीनों के इस्तेमाल पर रोक की वजह से जितनी मात्रा में खनन सामग्री की जरूरत है, वह नहीं निकाली जा सकी। निगम को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के कार्यों के लिए राज्य से बाहर से खनन सामग्री लेनी पड़ रही। आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि रिवर ड्रेजिंग में राहत से राज्य में चल रही बड़ी निर्माण परियोजनाओं के लिए खनन सामग्री अब आसानी से उपलब्ध हो सकेगी।