Home Tuition in Dehradun
Uttarakhand Election Promotion 2024
उत्तराखंड

गुमनाम हाथों में स्टीयरिंग 4500 वाहनों का सत्यापन ही नहीं हुआ, वेरिफिकेशन से बच रहे ई-रिक्शा चालक

हल्द्वानी शहर में संचालित तीन हजार से ज्यादा ई-रिक्शा और करीब 1500 टेंपो के मालिकों व चालकों ने अब तक अपना सत्यापन नहीं कराया है। ये तो वे वाहन हैं जो रजिस्टर्ड होकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इसके अलावा काफी संख्या में अपंजीकृत वाहन भी हैं। 

हल्द्वानी शहर में संचालित तीन हजार से ज्यादा ई-रिक्शा और करीब 1500 टेंपो के मालिकों व चालकों ने अब तक अपना सत्यापन नहीं कराया है। ये तो वे वाहन हैं जो रजिस्टर्ड होकर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इसके अलावा काफी संख्या में अपंजीकृत वाहन भी हैं। सत्यापन न होने की वजह से चालक की पूरी जानकारी पुलिस के पास है ही नहीं। चालक लगातार बच रहे हैं। सत्यापन न होने का खामियाजा सवारियों को भुगतना पड़ सकता है।कारण यह है कि यदि उनके साथ कोई घटना हो जाए, तो यह पता ही नहीं होगा कि किस नंबर के वाहन में घटना हुई और उसका चालक कौन था। यदि सभी वाहन सत्यापित हो जाएं तो इनके चालकों को आईडी बन जाएगी। साथ ही वाहनों की पहचान पीले, नीले व हरे स्टीकर पर दर्ज विवरण के जरिये हो जाएगी।परिवहन विभाग के पास रजिस्टर्ड ई-रिक्शा की संख्या करीब 4100 है, जबकि टेंपो की संख्या 3500 है। विभाग निश्चित समय अंतराल पर इनके सत्यापन का कार्य करता है। वाहन, उनकी फिटनेस, कागज चेक करने के बाद उन्हें पीले व नीले दो स्टीकर उपलब्ध कराकर शीशे पर लगाया जाता है। पीला स्टीकर वेरिफिकेशन का तो नीला रूट क्रमांक को दर्शाता है।ई-रिक्शा पर हरा स्टीकर लगेगा, जो यह बताएगा कि इस वाहन के कागज व चालक दोनों सत्यापित है। परिवहन विभाग कागज चेक करेगा तो पुलिस विभाग पहचान एप के जरिये संबंधित वाहन के चालक का रिकॉर्ड खंगालेगा। इसमें उसका पता, आधार कार्ड का नंंबर दर्ज होगा। यदि कोई मुकदमा दर्ज है तो उसका भी पता चल जाएगा। जब, सब सही होगा तो दोनों विभाग के अधिकारियों के हस्ताक्षर से चालक को कार्ड जारी होगा। इसके साथ ही संबंधित वाहन नंबर के जरिये पूरी जानकारी पल भर में अधिकारियों के सामने होगी।सत्यापन के लिए परिवहन विभाग ने जनवरी में कई बार कैंप लगाए।

इसमें 4100 में से 900 ई-रिक्शा और 3500 में से 2100 टेंपो ही सत्यापन के लिए पहुंचे। यानी अभी भी शहर और इससे सटे इलाकों में 3200 ई रिक्शा और 1400 टेंपो बिना सत्यापन के दौड़ रहे हैं। न इन वाहनों की वर्तमान स्थिति विभाग के पास है और न ही इनके चालक की डिटेल पुलिस के पास।

कई कैंप लगाए गए। क्षमता हर दिन 200 से 250 वाहनों के सत्यापन की थी, लेकिन पहुंचते थे केवल 50 से 60 वाहन ही। फिर आरटीओ ऑफिस में भी कैंप लगा। वहां भी 10 से 20 वाहन ही पहुंचे। अब भी तीन हजार से ज्यादा ई-रिक्शा और करीब 1400 टेंपो का सत्यापन नहीं हो पाया है। न ही उनके चालक का पहचान एप से सत्यापन हुआ है। जांच तेज की गई है। ऐसे वाहनों को सीज किया जा रहा है। काठगोदाम क्षेत्र में चेकिंग के दौरान पुलिस ने बाइक दौड़ा रहे एक किशोर को रोका तो उसके पास न तो लाइसेंस मिला और न ही बाइक के कागजात। हालांकि वह हेलमेट लगाया हुआ था, मगर जांच में वह नाबालिग निकला। दरोगा दिलीप कुमार ने बताया कि किशोर के पिता को बुलाकर बेटे को बाइक थमाने पर फटकार लगाई और उनका चालान कर दिया।


Register Your Business Today

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button