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स्वास्थ्य और सौंदर्य

क्या हैं सेरोटोनिन-डोपामाइन? जिसे मानसिक स्वास्थ्य के लिए माना जाता है जरूरी,

मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ी हैं। स्ट्रेस-डिप्रेशन जैसी स्थितियां न सिर्फ मन के लिए दिक्कतों का कारण बनती हैं, साथ ही इसके कारण शारीरिक स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव होने का जोखिम रहता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को मन को स्वस्थ रखने के लिए प्रयास करते रहने की सलाह देते हैं। लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं के बढ़ने का जोखिम रहता है। पर क्या आप जानते हैं कि यह किस प्रकार से मन की स्थिति को प्रभावित करती हैं?

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, स्ट्रेस-एंग्जाइटी वाले रोगियों में सेरोटोनिन-डोपामाइन का लेवल कम होने की समस्या देखी जाती रही है। ये फील गुड हार्मोन्स हैं, जो आपको खुश महसूस करने में मदद करते हैं। आइए जानते हैं कि इसका स्तर कम क्यों हो जाता है और इसका मूड पर किस प्रकार से प्रभाव होता है?

पहले सेरोटोनिन के बारे में जानिए

सेरोटोनिन एक प्रकार का रसायन है जो मस्तिष्क और आपके पूरे शरीर में तंत्रिका कोशिकाओं के बीच संदेश पहुंचाता है। सेरोटोनिन मूड को ठीक रखने, नींद में सुधार करने, पाचन, मतली, घाव भरने, हड्डियों को स्वास्थ रखने, रक्त के थक्के जमाने और यौन इच्छाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि यदि आपमें सेरोटोनिन की कमी है तो ये स्थिति आपमें अवसाद और स्ट्रेस डिसऑर्डर विकसित होने का जोखिम बढ़ा सकती है। खुश, शांत और भावनात्मक रूप से स्थिर महसूस करने के लिए आपमें सेरोटोनिन की आवश्यकता होती है। 

डोपामाइन क्या है?

डोपामाइन को “फील-गुड” हार्मोन के रूप में जाना जाता है। यह आपको आनंद की अनुभूति देता है, जब आप आनंद महसूस कर रहे हों तो इससे बेहतर करने की प्रेरणा मिलती है। डोपामाइन आपके ब्रेन के रिवार्ड सिस्टम के लिए भी आवश्यक है। अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों में डोपामाइन की कमी होती है उनमें डिप्रेशन और पार्किंसंस जैसी स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है। 

क्यों कम हो जाता है इन हार्मोंन्स का स्तर?

कुछ प्रकार की शारीरिक स्वास्थ्य स्थितियां इन हार्मोन्स के स्तर को प्रभावित करने वाली हो सकती हैं और सेरोटोनिन के उत्पादन को प्रभावित कर देती हैं। आनुवंशिकी, तनाव अधिक लेना और पोषण संबंधी कमियां इन जोखिमों का कारक हैं। इसी तरह पर्याप्त नींद न लेना, नशीली दवाओं का दुरुपयोग, मोटापा या बहुत अधिक चीनी-सेचेरेटेड फैट्स वाली चीजें खाने से भी इसका जोखिम हो सकता है। एडर्नल ग्रंथियों से संबंधित समस्याओं के कारण भी इस हार्मोन के स्तर में कमी आने का जोखिम रहता है। 

कैसे सुधारें इन हार्मोन्स का स्तर?

शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए डोपामाइन-सेरोटोनिन के स्तर को ठीक बनाए रखने पर ध्यान देना जरूरी है। यदि इसके कारण आपमे स्ट्रेस या डिप्रेशन की समस्या है तो आपको डॉक्टरी मदद की आवश्यकता हो सकती है, वहीं स्वाभाविक रूप से अपना सेरोटोनिन-डोपामाइन स्तर बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल को ठीक रखना बहुत आवश्यक है। 

नियमित रूप से व्यायाम करें, शारीरिक गतिविधि मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसके अलावा आहार को स्वस्थ और पौष्टिक रखें, प्रोटीन का सेवन करें। पर्याप्त नींद और मेडिटशन जैसे अभ्यास भी मूड को ठीक रखने में आपके लिए मददगार माने जाते हैं।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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