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उत्तराखंड

नए साल में यमुनोत्री हाईवे होगा चौड़ा, दौड़ेंगे वाहन चारधाम यात्रा हो पाएगी सुगम और सुरक्षित

नए साल में यमुनोत्री हाईवे चौड़ा होने से आगामी चारधाम यात्रा के काफी कुछ हिस्से में सुगम और सुरक्षित आवाजाही होने की उम्मीद है।सड़क चौड़ीकरण की निविदा और अनुबंध प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

नए साल में यमुनोत्री हाईवे के मरोड़ से लेकर रिखांऊ खड्ड तक और पालीगाड से जानकीचट्टी तक चौड़ीकरण कार्य शुरू हो जाएगा। मरोड़ से लेकर रिखांऊ खड्ड के लिए जहां टेंडर होने के बाद अनुबंध प्रक्रिया अंतिम चरण में है। वहीं, पालीगाड से जानकीचट्टी के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है।

दरअसल, यमुनोत्री धाम दो हाईवे से जुड़ा है। इनमें एक हरबर्टपुर बड़कोट संख्या 123 और दूसरा धरासू बैंड फूलचट्टी संख्या 94 है, लेकिन चारधाम सड़क परियोजना में धरासू बैंड फूलचट्टी 94 को शामिल किया गया है। यमुनोत्री धाम के अलावा उत्तरकाशी के बड़े भू-भाग यमुना घाटी की लाइफलाइन कहे जाने वाले यमुनोत्री हाईवे 123 को शामिल नहीं किया गया।

इसे लेकर लंबे समय से की जा रही मांग को देखते हुए हाईवे को भी केंद्र सरकार के केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चारधाम सड़क परियोजना की तर्ज पर चौड़ीकरण की बात कही, जिसको लेकर सड़क चौड़ीकरण की कार्रवाई गतिमान है।

इसी महीने अंतिम सप्ताह में कार्य शुरू होने की उम्मीद
मरोड़ से लेकर रिखांऊ खड्ड तक दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र करीब 15 किमी हिस्से में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अनुबंध प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इससे आगे मुराडी तक 26 किमी हिस्से में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई। शेष बड़कोट बैंड तक डीपीआर और कुछ हिस्से में वन भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया जारी है। वहीं, चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बनने वाले पालीगाड से जानकीचट्टी करीब 24 किमी हिस्से पर भी टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी महीने अंतिम सप्ताह में कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

पालीगाड जानकीचट्टी व मरोड़ से रिखांऊ खड्ड तक जल्द कार्य शुरू किया जा रहा है। कुछ हिस्से में काम शुरू हो गया, जबकि कुछ पर अनुबंध प्रक्रिया जल्द पूरी होने के साथ शुरू होगा। आगामी चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले काफी कुछ हिस्से में सुगम और सुरक्षित आवाजाही होने की उम्मीद है।

छह साल में हो चुकी है 43 लोगों की मौत

यमुनोत्री हाईवे 123 दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र डामटा बड़कोट के करीब 40 हिस्से के बीच पिछले छह सालों में करीब 43 से अधिक लोगों की अलग-अलग दुर्घटना में मौत हुई है। गत वर्षों में रिखांऊ खड्ड के पास मध्य प्रदेश के 26 श्रद्धालुओं की मौत हुई थी। वर्ष 2018 में डामटा के पास बस दुर्घटनाग्रस्त में 17 लोगों की मौत हुई थी।

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