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उत्तराखंड

दो साल में सात गुना बढ़ी सोने की तस्करी, संदेह के दायरे में दुबई, तैयार हुई ‘खास’ यात्रियों की सूची

यूपी में सोने के तस्करों का सिंडीकेट बढ़ गया है। सबसे ज्यादा स्मलिंग दुबई के रास्ते से हो रही है। इसकी धर पकड़ के लिए कस्टम ने अब कुछ खास तैयारियां की हैं। 

यूपी में सोने के तस्करों का सिंडीकेट बढ़ गया है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कस्टम ने वर्ष 2022-23 में 20 किलोग्राम तस्करी का सोना पकड़ा था जो 23-24 में बढ़कर 140 किलोग्राम हो गया। लखनऊ व बनारस एयरपोर्ट से सबसे ज्यादा सोना पकड़ा जा रहा है। ये सोना दुबई के रूट से पहुंच रहा है। वहीं सड़क मार्ग से नेपाल, नाॅर्थईस्ट से म्यांमार और बांग्लादेश सेफ पैसेज माने जाते हैं।

कस्टम विभाग ने यूपी के ऐसे लोगों की निगरानी का सिस्टम विकसित किया है जो दुबई के ज्यादा चक्कर लगाते हैं। उनके दुबई दौरे की मॉनीटरिंग कई मानकों पर की जा रही है। इसके आधार पर एयरपोर्ट पर इंटेलीजेंस यूनिट का जाल बिछाया गया है। कस्टम विभाग के मुताबिक निगरानी सिस्टम पैना करने की वजह से लगातार सोना पकड़ा जा रहा है। इसी महीने तीन बार में 12 लोग, 30 लोग और 25 लोग पकड़े गए। सोने की तस्करी केवल दुबई से हो रही है। गिरोह के रूप में अब ये काम किया जा रहा है, जो धीरे-धीरे संगठित आकार ले रहा है। कस्टम विभाग पासपोर्ट और ट्रैवल डिटेल्स डाटा के आधार पर यात्रियों से अलग पूछताछ और जांच कर रहा है।

कैरियर को बचते हैं केवल 25 हजार, मास्टरमाइंड को सात लाख
दुबई से जोखिम मोल लेकर सोना लाने वाले ‘कैरियर’ को एक राउंड में केवल 20 से 25 हजार रुपये मिलते हैं। जबकि मास्टरमाइंड को एक किलोग्राम सोने की तस्करी में करीब सात लाख रुपये का मुनाफा होता है। कैरियर पकड़ा गया तो दो से तीन महीने जेल में रहकर बाहर आ जाता है।

दुबई में 10 लाख रुपये किलो सस्ता सोना
सोने की तस्करी में तेजी की बड़ी वजह भारी भरकम कस्टम ड्यूटी है। सोने पर करीब 16 फीसदी ड्यूटी है। दुबई में सोना ड्यूटी फ्री है, इसलिए भारत की तुलना में वहां करीब 10 लाख रुपये प्रति किलोग्राम सस्ता है। इसी बड़े अंतर ने सोने की तस्करी को बढ़ावा दिया है। पिछले साल देश में करीब 2000 किलोग्राम सोना जब्त किया गया था।

तस्करी में लिप्त कई ज्वेलर्स निशाने पर
तस्करी का सोना सराफा कारोबारियों के यहां बड़ी मात्रा में खप रहा है, इसीलिए राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने पिछले एक साल में प्रदेश के कई बड़े सराफा कारोबारियों के यहां छापे मारे हैं। पूछताछ की है। सूत्रों के मुताबिक तस्करी के सोने की खरीद-फरोख्त कैश में होती है। इससे तैयार ज्वेलरी भी कैश भी बेची जाती है। यानी कालाधन खपाने का बड़ा जरिया तस्करी का सोना है। इसी इनपुट के बाद डीआरआई ने कानपुर, गाजियाबाद, नोएडा सहित कई शहरों में छापे मारे। अभी भी कानपुर, लखनऊ, नोएडा, हापुड़, मेरठ, गाजियाबाद, आगरा, मथुरा के कई कारोबारी जांच की जद में हैं।

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