संयुक्त नागरिक संगठन द्वारा सिटी बैंक्विट हॉल में संपन्न कार्यक्रम में वक्ताओं ने व्यक्त किए अपने विचार
आजादी के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनाई गई विदेश नीति का ही परिणाम था जिसके आधार पर भारत को बिजली के उत्पादन तथा इसमें सहायक टरबाइनो का निर्माण, परमाणुउर्जा,तेल की खोज, पेट्रोलियम की रिफायनिंग तथा बॉटलिंग, इस्पात तथा एलमुनियम उत्पादन के संयंत्र सार्वजनिक क्षेत्र में, समाजवादी देशों की मदद से स्थापित किए गए और देश को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास सफल हुए। ये विचार नेहरु जी की 133 वी जयंती पर संयुक्त नागरिक संगठन द्वारा सिटी बैंक्विट हॉल में संपन्न कार्यक्रम में वक्ताओं ने व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रिगेडियर के जी बहल ने की। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि दून बुद्धिस्ट कमेटी की अध्यक्ष शेरिंग लयुडिंग,छत्रिय चेतना मंच के रविसिंह नेगी, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन के गोवर्धन शर्मा थे। संचालन मुकेश नारायण शर्मा तथा सुशील त्यागी ने किया। वक्ताओं ने कहा देश की तत्कालीन परिस्थितियों में सरदार पटेल का साथ लेकर अनेक रियासतों में विभक्त राज्यों को एकजुट कर भारत गणराज्य के रूप में पुनर्गठित करना नेहरू जी के प्रयासों का ही परिणाम था।
वकताओ मे विनोद नौटियाल,बिशंबरनाथ बजाज,ओमवीर सिंह,मनोज ध्यानी,जीएस जस्सल,आर एस कैनथुरा,अमरजीत सिंह भाटिया,पुरूषोत्तम भट्ट,बीएस कंडवाल,महिपाल सिंह रावत, डॉ एसके गोविंद,उपेंद्र बिजलवान, आशा टम्टा, शक्ति डिमरी,आशा थपलियाल आदि थे। कार्यक्रम में जरूरतमंद बच्चों को निशुल्क किताबों को उपलब्ध कराने हेतु बुक बैंक चलाने के लिए कविता खान, बीना शर्मा, महिला हिंसा के विरुद्ध संघर्ष करने हेतु सर्वधर्म समाज संस्था की गुलिस्ता खानम तथा पर्यावरण के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाली शेरिंगलयुडिग को शाल पहनाकर सम्मानित भी किया गया।