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उत्तराखंड

माफिया अतीक-अशरफ की कब्र पर पसरा रहा सन्नाटा, खंडहरनुमा घर पर रोज की तरह ही रहा सियापा

सोमवार को माफिया अतीक अहमद के अंत के एक साल हो गए। 15 अप्रैल को ही मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय (कॉल्विन) के गेट पर पूर्व सांसद अतीक और उसके भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दोनों को उनके घर चकिया के नजदीक स्थित कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया था। फरार चल रही पत्नी शाइस्ता परवीन और अशरफ की पत्नी जैनब का अभी तक पता नहीं चला है। 

घटना के एक साल बाद भी चकिया स्थित घर पर रोज की तरह सन्नाटा पसरा रहा और इस रोड पर चलने वाले ई-रिक्शा चालक खंडहरनुमा मकान के अगल बगल लगे अशोक के पेड़ के नीचे आराम फरमाते दिखे। वहीं कब्रिस्तान पर भी रोज की तरह सियापा रहा। यहां तो पुलिस का पहरा था न ही लोगों की आवाजाही थी, बावजूद इसके परिवार का कोई सदस्य पहली बरसी पर अतीक और अशरफ के साथ अतीक के बेटे असद के कब्र पर नहीं पहुंचा।

मुहल्ले में ईद भी पूरे जोश के साथ मनाई गई

अतीक, अशरफ और असद की हत्या के भले ही एक साल नहीं पूरे हुए थे, लेकिन पिछले दिनों अतीक के मुहल्ले में ईद का त्योहार पूरे जोश और खरोश के साथ मनाया गया। अतीक के घर के सामने लगने वाला बच्चों का मेला भी लगा और इसमें लगे झूले पर बच्चे उछल कूद करते थे। अतीक की हत्या के बाद यह दूसरी ईद है। पहली ईद हत्या के कुच दिन बाद ही पड़ी थी, तब मुहल्ले में सन्नाटा पसरा था और मेला नहीं लगा था, लेकिन इस ईद पर काफी चहल पहल दिखी। 

शाइस्ता के पिता के घर पर लटका रहा ताला

चकिया में अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के घर पर ताला लटका मिला। उमेश पाल की हत्या के बाद से परिवार के लोग घर छोड़कर फरार हैं। अतीक का ससुर मो. हारून का भी पता नहीं चल रहा है। घर पर ताला लटका हुआ मिला। 

आसमा में नहीं टिकते थे कदम, अब ढूंढ़े नहीं मिल रही जमीन

अतीक और अशरफ की हत्या के बाद उनका कुनबा भी तबाह हो गया। परिवार के दो सदस्य जेल में हैं और बाकी पुलिस से बचने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। करोड़ों की संपत्ति पर चोट करने के साथ ही अब उनकी बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई का अभियान चल रहा है।

अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन पर कुल पांच मुकदमे दर्ज हैं। इनमें उमेश पाल हत्याकांड के साथ ही अवैध असलहा रखने, फर्जी जानकारी देकर असलहा लाइसेंस बनवाने जैसे आरोप में भी मुकदमे हैं। शाइस्ता उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही फरार है। उसके दो बेटे उमर व अली जेल में हैं, जबकि दो अन्य बेटों अहजम व एक नाबालिग बेटा रिश्तेदार के घर में रह रहे हैं। उधर, अशरफ की पत्नी जैनब भी फरार है, जिसे तीन मुकदमों में आरोपी बनाया गया है। उमेश पाल हत्याकांड के साथ ही वह 50 करोड़ की वक्फ संपत्ति फर्जीवाड़ा कर बेचनेे के मामले में भी नामजद है।

उधर, अतीक की बहन आयशा नूरी भी उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी है, जिस पर शूटरों की मदद करने का आरोप है। शाइस्ता 50 हजार, जबकि जैनब व आयशा नूरी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित है। शाइस्ता पर जल्द ही इनाम बढ़ाया भी जा सकता है।

बेनामी संपत्तियां, मददगार भी निशाने पर

अतीक की मौत के बाद भी उसके खिलाफ कार्रवाई जारी है। पुलिस ने परिवार व गैंग के फरार चले सदस्यों की 25 करोड़ की संपत्ति पर कार्रवाई की है। अब उसकी बेनामी संपत्तियों पर कार्रवाई का अभियान चलाया जा रहा है। इसमें पिछले साल गौसपुर कटहुला में 12.42 करोड़ की बेनामी संपत्ति भी शामिल है, जिसे गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया गया। हाल ही में नैनी, फूलपुर, हंडिया में 10 करोड़ से ज्यादा की बेनामी संपत्तियां भी मिली हैं।

जरायम की दुनिया में 35 साल…पहली सजा 28 मार्च 2023

जरायम की दुनिया में लगभग साढ़े तीन दशक तक बादशाहत कायम रखने वाले माफिया अतीक के लिए वर्ष 2023 की 28 मार्च की तारीख काली साबित हुई। विधायक राजू पाल हत्याकांड के चश्मदीद उमेश पाल के 18 साल पहले हुए अपहरण मामले में उसे गुजरात की साबरमती जेल से जिला अदालत इलाहाबाद लाया गया। सैकड़ों मुकदमे दर्ज होने के बावजूद उसे पहली सजा 28 मार्च 2023 को इलाहाबाद की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाई।

सजा सुनाने के पखवाड़े भर के भीतर उमेश पाल हत्याकांड मामले में पूछताछ के लिए साबरमती जेल से रिमांड पर प्रयागराज लाए गए अतीक को कोर्ट रूम में ही बेटे असद की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत की सूचना मिली। अदालत से बाहर लाए जाते समय अतीक की आंखों में गम और अशरफ की आंखों में गुस्सा साफ झलक रहा था। इस दौरान उन्हें जनाक्रोश का सामना भी करना पड़ा था। अदालत परिसर में मौजूद भीड़ से उन पर जूते भी फेंके थे। इसके एक दिन बाद ही मेडिकल जांच के लिए कॉल्विन लाए गए अतीक-अशरफ की सनसनीखेज हत्या कर दी गई।

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