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उत्तराखंड

नीतीश-चंद्रबाबू ने जिस दिन बैसाखी खींच ली पता चल जाएगा सचिन पायलट का सरकार पर हमला

देहरादून में आयोजित कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि संविधान की रक्षा करने के साथ ही प्रदेश में तख्ता पलटने का संकल्प भी लेना होगा।पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने प्रदेश कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली में केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने तंज किया कि 400 पार का दावा करने वालों ने घमंड की पराकाष्ठा पार कर दी थी। देश की जनता ने 240 पर टेक दिया। सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की बैसाखी पर टिकी है। जिस दिन नीतीश-नायडू ने बैसाखी खींच ली, उस दिन पता चल जाएगा।देहरादून के रेंजर्स मैदान में आयोजित प्रदेशस्तरीय रैली में अपेक्षा के अनुरूप कार्यकर्ता नहीं जुट पाए। पायलट ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि संविधान की रक्षा करने के साथ ही प्रदेश में तख्ता पलटने का संकल्प भी लेना होगा। उन्होंने कहा कि 11 साल में जिन लोगों के हाथों में देश की सत्ता है, उन्होंने सोच-समझकर नीतिगत तरीके से संविधानिक संस्थाओं को निरंतर खोखला करने का काम किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में आज भी भारत के लोकतंत्र का उदाहरण देते हैं।लोकतंत्र वह जहां हर व्यक्ति को बोलने की आजादी हो। चुनाव आयोग निष्पक्ष हो। उन्होंने चुनाव आयोग के मुखिया के चयन प्रक्रिया में बदलाव को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि पहले मुखिया के चयन के लिए पीएम, नेता प्रतिपक्ष और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की कमेटी होती थी। निष्पक्ष चुनाव होते थे। भाजपा सरकार ने कानून बदल दिया। मुख्य न्यायाधीश की जगह मंत्री को सदस्य बना दिया। भाजपा के लोग नेहरू को कोसते हैं। नेहरू के दौर में कांग्रेस सबसे बड़ा दल था।

भाजपा के पास हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद यही हर बात का जवाब

ऐसी व्यवस्था बना सकते थे कि हमेशा सत्ता सुख लेते। लेकिन सबको साथ लेकर लोकतंत्र को मजबूत किया। वोट का अधिकार नहीं होता तो आज सत्ता में जो लोग बैठे हैं, वे शासन नहीं कर पाते। पायलट ने कहा कि भाजपा के लोगों से महंगाई, बेरोजगारी से जुड़े प्रश्न पूछो तो उनके पास एक ही जवाब होता है हिंदू-मुसलमान, मंदिर-मस्जिद। उन्होंने चेताया कि हम कितने भी बड़े पद पर पहुंचे, यश कमा लें, कितनी बड़ी सरकार चला लें, लेकिन पांच साल के बाद जनता के सामने नाक रगड़नी पड़ती है। यही संविधान की ताकत है। उन्होंने कहा कि साढ़े तीन साल पहले उत्तराखंड में चुनाव हुआ था।हम यहां कांग्रेस की सरकार बनने की उम्मीद कर रहे थे। ऐसा हुआ नहीं। दुर्भाग्यवश उसकी कीमत जनता को चुकानी पड़ रही है। पूरे देश में महिला उत्पीड़न, दलित उत्पीड़न में उत्तराखंड का नाम बढ़ रहा है। यहां की सरकार ने रेता-बजरी के खनन में खुली लूट मचा रखी है। समय आ गया है कि हम सबको एकजुट होना पड़ेगा।छोटी-मोटी टोका-टाकी चलती है। लेकिन प्रदेश की जनता के लिए जनता के भविष्य के लिए देश में संविधान को बचाने के लिए हम लोगों को मेहनत करनी पड़ेगी। रैली को पूर्व सीएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी केंद्र और राज्य सरकार पर जमकर प्रहार किए और 2027 में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत से जुटने का आह्वान किया।

गांधी, आंबेडकर और नेहरू की जगह भाजपा भागवत, मोदी और शाह को फिक्स करना चाहती है

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि महात्मा गांधी, आंबेडकर और नेहरू ने देश को संविधान दिया। हम उनके अनुयायी है। लेकिन भाजपा के लोग तीन मूर्तियों, मोहन भागवत, नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इनकी जगह फिक्स करना चाहते हैं। हमें सौगंध खानी है कि ऐसा कभी नहीं होने देंगे। भले हम सत्ता में नहीं है लेकिन हमारा आत्मबल उनसे कई गुना ज्यादा है।

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