जनता के भ्रमण के लिए खुलने जा रहा राष्ट्रपति निकेतन, 186 वर्ष पुराने अस्तबल के कर सकेंगे दीदार

राष्ट्रपति आशियाना के नाम से चर्चित राष्ट्रपति निकेतन का उपयोग राष्ट्रपति के अंगरक्षक पीबीजी के घोड़ों के प्रशिक्षण के लिए किया करते थे। इस विरासत भवन में अब कलाकृतियों का संग्रह लगाया गया है।दून में 24 जून से राष्ट्रपति निकेतन जनता के भ्रमण के लिए खुलने जा रहा है। राष्ट्रपति निकेतन 186 वर्ष पुराना है और 21 एकड़ में फैला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 20 जून को राष्ट्रपति निकेतन का दौरा कर इसे जनता को समर्पित करेंगी।राष्ट्रपति 132 एकड़ के इकोलॉजिकल पार्क समेत राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला भी रखेंगी। पहले राष्ट्रपति आशियाना के नाम से चर्चित राष्ट्रपति निकेतन का उपयोग राष्ट्रपति के अंगरक्षक पीबीजी के घोड़ों के प्रशिक्षण के लिए किया करते थे। इस विरासत भवन में अब कलाकृतियों का संग्रह लगाया गया है। यह कलाकृतियों की एक समृद्ध विरासत की झलक भी पेश करता है।
घने जंगल में फैले राष्ट्रपति तपोवन का भ्रमण भी कर पाएंगे
आगंतुक भारतीय सेना की 251 साल पुरानी रेजीमेंट पीबीजी के इतिहास व 186 साल पुराने अस्तबल से रूबरू होने के साथ ही राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के अस्तबल व घोड़ों को देख सकेंगे। लिली पोंड, रॉकरी पोंड, रोज गार्डन और पेर्गोला भी आगंतुकों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे। दर्शक राष्ट्रपति निकेतन के अलावा राजपुर रोड स्थित 19 एकड़ के घने जंगल में फैले राष्ट्रपति तपोवन का भ्रमण भी कर पाएंगे। इस तपेावन में घने वृक्ष, घुमावदार पगडंडियां, लकड़ी के पुल, पक्षियों को देखने के लिए ऊंचे मचान व चिंतन-ध्यान के लिए प्राकृतिक रूप से शांत स्थान है।तपोवन को रास्तासूचक-पगडंडियों, मौसमी वनस्पतियों व पर्यावरण-के जानकारों के माध्यम से आगंतुकों को प्राकृतिक सौंदर्य से जोड़ा जाएगा। राष्ट्रपति निकेतन में थीम आधारित उद्यान, तितली उद्यान, झील, पक्षीशाला व बच्चों के खेलने के लिए विशेष क्षेत्र होगा। पार्क में खेल-कूद क्षेत्र, पैदल ट्रैक, जॉगिंग, साइकिलिंग ट्रैक, जल संरक्षण प्रणाली व बाहरी स्थल शामिल किया गया है।रेट्रोफिटिंग से बनाया भूकंपरोधी : राष्ट्रपति आशियाना का जीर्णोद्धार केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) की सलाह पर किया गया था। संस्थान ने मई 2015 में साइट सर्वेक्षण कर भूकंपरोधी सुविधाओं के प्रावधान सहित रेट्रोफिटिंग तरीकों का सुझाव दिया। सीबीआरआई की सलाह के बाद इस भवन में क्षैतिज व ऊर्ध्वाधर भूकंपीय बैंड प्रदान करके रेट्रोफिटिंग की गई। रीप्लास्टरिंग से पहले चिनाई की सतह पर वायर मेश लगाया गया था।