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उत्तराखंड

40 श्रद्धालुओं को SDRF ने सुरक्षित निकाला, केदारनाथ धाम के रास्ते में सोनप्रयाग के पास गिरा था मलबा

एसडीआरएफ की टीम ने भूस्खूलन जोन में फंसे 40 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया है। केदारनाथ धाम के रास्ते में सोनप्रयाग के पास मलबा गिरा था।उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में हिमालयी मंदिर के रास्ते में सोनप्रयाग के पास मुनकटिया में बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद गुरुवार को केदारनाथ की तीर्थयात्रा अस्थायी रूप से स्थगित कर दी गई। पुलिस ने कहा कि मुनकटिया स्लाइडिंग जोन में भूस्खलन के मलबे और पत्थरों से सड़क पूरी तरह से अवरुद्ध हो गई है, जिससे प्रशासन को यात्रा को अस्थायी रूप से रोकना पड़ाउन्होंने कहा कि गौरीकुंड से लौट रहे कुछ तीर्थयात्री स्लाइडिंग जोन में फंस गए थे, लेकिन राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के कर्मियों ने उन्हें बचा लिया और सुरक्षित सोनप्रयाग ले आए। एहतियात के तौर पर केदारनाथ की यात्रा फिलहाल रोक दी गई है। 

40 श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ ने सुरक्षित निकाला
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में श्री केदारनाथ धाम से लौटते समय सोनप्रयाग भूस्खलन क्षेत्र में फंसे करीब 40 श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ ने सुरक्षित निकाल लिया है। केदारनाथ धाम के रास्ते में सोनप्रयाग के पास देर रात अचानक मलबा गिर गया था, जिसके कारण केदारनाथ धाम से लौट रहे 40 से अधिक तीर्थयात्री रात करीब 10 बजे से फंसे हुए थे। एसडीआरएफ ने उन्हें सुरक्षित बचा लिया है।

यमुनोत्री मार्ग पर फंसे 250 से अधिक यात्रियों को निकाला
वहीं, यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने की घटना के चौथे दिन भी सिलाई बैंड से आगे वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई। वहां पर पैदल आवाजाही सुचारू है, लेकिन उसमें भी खतरा बना हुआ है। बुधवार को स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी के बीच फंसे करीब 254 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालाा गया। साथ ही घटना में लापता सात लोगों को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ की ओर से स्निफर डॉग की मदद ली गई।सिलाई बैंड के समीप बादल फटने के कारण और ओजरी में नाले के उफान पर आने के कारण वहां पर यमुनोत्री हाईवे के सड़क करीब 20 से 25 मीटर हिस्सा बह गया था। वहीं दूसरी ओर सिलाई बैंड में मलबा और पानी के तेज बहाव में सात लोग बहकर लापता हो गए थे। उन्हें ढूंढने और यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित पुलिस, आईटीबीपी की ओर खोज बचाव अभियान चलाया जा रहा है।प्रशासन की ओर से बुधवार को पैदल आवाजाही के दौरान करीब 254 यात्रियों को सुरक्षित निकालकर वाहनों के माध्यम से बड़कोट भेजा गया। वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से यात्रियों के लिए विभिन्न स्थानों पर खाने की व्यवस्था की गई थी। एनएच विभाग की ओर से सिलाई बैंड में सड़क की मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। लेकिन ओजरी के समीप हार्ड रॉक आने के कारण विभाग को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

मलबा और कीचड़ होने के कारण वाहनों की आवाजाही नहीं हुई शुरू
वहीं सिलाई बैंड में भी अधिक मलबा और कीचड़ होने के कारण वाहनों की आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। डीएम प्रशांत आर्य ने कहा कि पूरा प्रशासनिक अमला यमुनोत्री हाईवे पर आवाजाही को सुचारू करने में जुटा हुआ है। प्रयास है कि जल्द ही वाहनों की आवाजाही शुरू करवाई जाएगी। वहीं कुपड़ा मोटर मार्ग पर भी कल तक छोटे वाहनों की आवाजाही के लिए प्रयास शुरू किया जाएगा।

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