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उत्तराखंड

हाईवे पर जंगलचट्टी के पास सड़क टूटी, यमुनोत्री धाम सहित चार गांवों में रसद का संकट

जंगलचट्टी के समीप सड़क क्षतिग्रस्त और भूस्खलन अधिक होने के कारण एनएच विभाग की ओर से मार्ग को नहीं खोल पाया है।यमुनोत्री हाईवे पर जंगलचट्टी के समीप क्षतिग्रस्त सड़क करीब छह दिन बाद भी नहीं खुल पाई है। इससे गीठ पट्टी के चार गांवों सहित यमुनोत्री धाम में रसद की समस्या पैदा हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शासन-प्रशासन से मांग के बाद भी उनकी कोई सुध नहीं ले रहा है। ग्रामीणों के सामने रसद सहित रसोई गैस सिलिंडर की समस्या पैदा हो गई है। वहीं हर्षिल क्षेत्र के गांव और गंगोत्री धाम में भी रसोई गैस सिलिंडर के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।बड़कोट के गीठ पट्टी के बनास सहित जानकीचट्टी, नारायणपुरी, खरसाली और यमुनोत्री धाम का गत छह दिनों से तहसील और जनपद मुख्यालय से संपर्क कटा हुआ है। जंगलचट्टी के समीप सड़क क्षतिग्रस्त और भूस्खलन अधिक होने के कारण एनएच विभाग की ओर से मार्ग को नहीं खोल पाया है।इससे गीठ पट्टी के इन चार गांव के लोगों और यमुनोत्री धाम में तैनात सुरक्षाकर्मियों सहित तीर्थपुरोहितों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यमुनोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित प्रदीप उनियाल का कहना है कि छह दिन से चार गांव और यमुनोत्री धाम में रसद नहीं पहुंच पाई है। क्षेत्र में ग्रामीणों के साथ ही कई नेपाली मजदूर भी शामिल हैं। उनके सामने जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई है। इस संबंध में सीएम सहित शासन और प्रशासन को अवगत करवाया गया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।वहीं दूसरी ओर हर्षिल घाटी के गांवों और गंगोत्री धाम में भी रसोई गैस सिलिंडर नहीं मिलने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। धाम के तीर्थ पुरोहित सुधांशु सेमवाल का कहना है कि रसोई गैस सिलिंडर नहीं होने के कारण लोगों को चूल्हे पर लकड़ी का इंतजाम कर भोजन बनाना पड़ रहा है। वहीं डीएम प्रशांत आर्य का कहना है कि हर्षिल क्षेत्र में पूर्व से राशन और रसोई गैस सिलिंडर भिजवा रहे हैं। वहीं खरसाली आदि क्षेत्रों के लिए आज से रसद पहुंचनी शुरू हो गई है।







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