बदलते मौसम में कई संक्रामक बीमारियों का बढ़ जाता है जोखिम,
अक्तूबर के महीने में देशभर में मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है, भीषण गर्मी और उमस के बाद सुबह-शाम के तापमान में गिरावट आने लगती है। इस तरह का मौसम राहत देने वाला होता है पर साथ ही इन दिनों में विशेष सावधानी बरतते रहने की भी आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, मौसम में बदलाव के साथ कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है, यही कारण है कि इन दिनों फ्लू और संक्रामक बीमारियों के रोगी बढ़ने लग जाते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बदलते मौसम के साथ सभी लोगों को अपने सेहत को लेकर सावधानी बरतते रहने की जरूरत होती है। इसके लिए लाइफस्टाइल और आहार को ठीक रखना बहुत आवश्यक है, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सके। आइए जानते हैं कि इन दिनों किन बीमारियों का जोखिम अधिक होता है और इनसे किस प्रकार से सुरक्षित रहा जा सकता है?
मौसम में बदलाव और बीमारियों का जोखिम
यह समझना महत्वपूर्ण है कि मौसम में होने वाला परिवर्तन हमारी सेहत को कैसे प्रभावित करता है?
देशभर में अब मौसम में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। ठंडी, शुष्क हवा में सांस लेने से आपके बीमार होने की आशंका अधिक हो सकती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे श्वसन तंत्र का ऊपरी हिस्सा झिल्लियों से बना होता है जो वायरस और बैक्टीरिया को आपके फेफड़ों तक पहुंचने से पहले ही पकड़ लेता है। जब ये झिल्लियां ठंडी, शुष्क हवा के संपर्क में आती हैं, तो अपनी नमी खो देती हैं और वायरस आपके फेफड़ों में बहुत आसानी से प्रवेश कर जाते हैं। यही कारण है कि इन दिनों वायरल संक्रमण होने का जोखिम अधिक होता है।
इन्फ्लुएंजा संक्रमण का खतरा सबसे अधिक
इन्फ्लुएंजा या फ्लू का संक्रमण पूरे साल किसी भी समय हो सकता है, हालांकि अधिकांश मामलों में मौसमी पैटर्न में बदलाव के साथ इस संक्रामक रोग के विकसित होने का खतरा अधिक देखा जाता रहा है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, सर्दियों में होने वाले इन्फ्लूएंजा के मामले आमतौर पर अक्तूबर के आसपास काफी तेजी से बढ़ने लगते हैं, क्योंकि इस मौसम में हवा शुष्क होने लग जाती है। इसमें आपको सर्दी-खांसी होने का खतरा अधिक होता है।
सीजनल एलर्जी के जोखिम
सर्दियों के मौसम की शुरुआत कई प्रकार की एलर्जिक बीमारियों के खतरे को बढ़ाने वाली मानी जाती है। जैसे-जैसे तापमान गिरता जाता है, यह आपमें कई प्रकार की एलर्जिक बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने वाली समस्याओं का कारक हो सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, इस तरह की समस्याओं का जोखिम कम प्रतिरक्षा वाले लोगों में अधिक देखा जाता रहा है। संक्रमण और एलर्जी वाले रोगों के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि आप इम्युनिटी पावर को बढ़ाने के लिए प्रयास करें।
कैसे रहें इन बीमारियों से सुरक्षित?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, मौसम में बदलाव के साथ होने वाली समस्याओं के खतरे को कम करने के लिए जरूरी है कि आप दिनचर्या में उन आदतों को शामिल करें जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती हैं। इसके लिए स्वस्थ और पौष्टिक आहार के सेवन के साथ, नियमित व्यायाम और अच्छी नींद लेने को फायदेमंद माना जाता है। संक्रमण के जोखिमों को कम करने के लिए रात में सोने से पहले गर्म दूध में एक चुटकी हल्दी मिलाकर इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है।
————–
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।