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उत्तराखंड

पूर्वांचल में कुशवाहा, राजभर-पासी वोट पर सपा की नजर, बसपा का वाराणसी में मुस्लिम, गाजीपुर से इन पर दांव

समाजवदी पार्टी की नजर पूर्वांचल में कुशवाहा, राजभर और पासी वोट पर है। बसपा ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं। वाराणसी में मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है। गाजीपुर में क्षत्रिय प्रत्याशी को मौका दिया है।

सपा ने पूर्वांचल में पीडीए का दांव चलते हुए शुक्रवार को जारी अपनी नई सूची में कुशवाहा, राजभर और पासी वोट बैंक को साधने की भरसक कोशिश की है। पार्टी ने जौनपुर से बाबू सिंह कुशवाहा को चुनाव मैदान में उतारकर सबको चौंका दिया। कुशवाहा बसपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उनके खिलाफ कई तरह की जांच भी चल रही हैं। 

मछलीशहर से प्रिया सरोज को टिकट मिला है। प्रिया केराकत से सपा विधायक तूफानी सरोज की बेटी हैं। सलेमपुर से रमाशंकर राजभर चुनाव लड़ेंगे। वहीं, बसपा ने वाराणसी से अतहर जमाल लारी और गाजीपुर से डॉ. उमेश सिंह को टिकट दिया है।

वाराणसी : अतहर जमाल लारी तीसरी बार लड़ेंगे लोकसभा चुनाव
बहुजन समाज पार्टी ने वाराणसी लोकसभा सीट से अतहर जमाल लारी को प्रत्याशी बनाया है। छात्र राजनीति से कॅरिअर शुरू करने वाले लारी पहले भी दो बार वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। 1984 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़े और तीसरे नंबर पर रहे। 2004 में अपना दल से चुनाव लड़े और तीसरे स्थान पर रहे। अब तीसरी बार चुनाव मैदान में उतरे हैं।

वाराणसी लोकसभा सीट की चुनावी तस्वीर साफ हो गई है। भाजपा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं। कांग्रेस-सपा गठबंधन से अजय राय चुनाव लड़ रहे हैं। इसी बीच रविवार को जोनल कोआर्डिनेटर घनश्याम चंद्र खरवार ने बसपा प्रत्याशी के नाम का एलान कर दिया। 

अतहर ने 1971 में डीएवी कॉलेज गोरखपुर में कला संकाय के अध्यक्ष का चुनाव जीता था। 1977 में जनता पार्टी से जुड़े, फिर 1989 में जनता दल में आ गए। 1994 के बाद सपा में शामिल हो गए। 1998 में अपना दल ज्वाइन कर लिया। 2011 में कौमी एकता दल में आए, फिर सपा में रहे। कुछ दिन पहले ही बसपा ज्वाइन किया है। अब टिकट मिल गया।

गाजीपुर : बीएचयू के पूर्व महामंत्री डॉ. उमेश सिंह को मिला टिकट
बसपा ने गाजीपुर लोकसभा सीट से डॉ. उमेश सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। वह मूलतः सैदपुर के मुड़ियार गांव के रहने वाले हैं। वे छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहे हैं। 1991-92 में वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय के छात्र संघ महामंत्री निर्वाचित हुए थे।

लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि विषय में नेट की परीक्षा पास कर पीएचडी किया। छात्र जीवन के बाद वह उच्चतम न्यायालय, दिल्ली में अधिवक्ता रहे फिर। इसी दौरान वह पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह के साथ जनमोर्चा में भी लगे रहे। उमेश सिंह अन्ना हजारे के जन आंदोलन की कोर टीम में भी शामिल रहे। आम आदमी पार्टी ने बिहार प्रांत का चुनाव प्रभारी बनाया था, लेकिन उन्होंने कुछ दिनों बाद ही इस जिम्मेदारी से खुद को अलग कर लिया और फिर आम आदमी पार्टी से इस्तीफा दे दिया।

बसपा ने उन्हें गाजीपुर सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर उनका मुकाबला सपा के अफजाल अंसारी और भाजपा के पारसनाथ राय से है। मालूम हो कि अफजाल ने पिछला चुनाव बसपा के टिकट पर ही जीता था। 

जौनपुर: कभी मायावती के रहे खास, अब अखिलेश ने दिया टिकट
जौनपुर। जौनपुर लोकसभा सीट पर रविवार को इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार के नाम का एलान हो गया। सपा ने इस सीट पर जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बाबू सिंह कुशवाहा को अपना उम्मीदवार बनाया है। यह सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ेंगे। यह प्रदेश की पूर्व बसपा सरकार में सबसे ताकतवर नेताओं में शुमार थे।

मालूम हो कि बाबू सिंह कुशवाहा बांदा जिले के पखरौली के रहने वाले हैं। वे 2007 में मायावती की सरकार में परिवार कल्याण मंत्री रहे। बाद में इनका नाम एनआरएचएम घोटाले में आने के बाद ये विवादों में घिरते चले गए। इनके ऊपर दो सीएमओ की हत्या कराने का भी आरोप लगा था। इनके 2014 में भाजपा में शामिल होने के कयास थे। 

पार्टी नेताओं के विरोध चलते यह शामिल नहीं हो सके। अंतत: इन्होंने जन अधिकार पार्टी बनाई। प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन की बात चल रही थी लेकिन गठबंधन अंतिम मुकाम तक नहीं पहुंच सका। वर्तमान समय में यह जन अधिकार यात्रा प्रदेश के सभी जिलों में लेकर जा रहे हैं। जौनपुर संसदीय सीट पर कुशवाहा का सामना भाजपा के कृपाशंकर सिंह से होगा। हालांकि बसपा ने यहां अपने पत्ते अभी नहीं खोले हैं। 

मछलीशहर : प्रिया को उतार सपा ने युवाओं और पीडीए दोनों को साधा
समाजवादी पार्टी ने लंबे इंतजार के बाद रविवार को जौनपुर और मछलीशहर लोकसभा सीट पर उम्मीदवार को नाम का एलान कर दिया। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट पर सपा ने सुप्रीम कोर्ट की युवा महिला अधिवक्ता प्रिया सरोज (25) को मैदान में उतारा है। प्रिया पूर्व सांसद व वर्तमान में केराकत से विधायक तूफानी सरोज की बेटी हैं। भाजपा के द्वारा बीपी सरोज को प्रत्याशी घोषित करने के बाद सपा ने भी सरोज बिरादरी की प्रिया को उम्मीदवार बनाया है।

मछलीशहर सीट पर पासी समाज के वोटरों की अच्छी खासी संख्या है। सपा ने अपने पुराने नेता तूफानी सरोज पर विश्वास जताते हुए उनकी बेटी प्रिया सरोज को चुनावी जंग में उतारा है। प्रिया की शिक्षा शुरू से ही दिल्ली में हुई है। दिल्ली के एयरफोर्स स्कूल से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक किया। नोएडा के एमईटी यूनिवर्सिटी से 2022 में लॉ की पढ़ाई पूरी की। अभी सुप्रीम कोर्ट में बतौर अधिवक्ता प्रैक्टिस कर रही हैं। प्रिया ने बताया कि वे शुरू से ही पिता के साथ राजनीति में सक्रिय रहीं हैं।

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