वित्त मंत्रालय ने जताई चिंता, कहा- कच्चे तेल में तेजी और मानसून की कमी जैसे जोखिम गंभीर विषय
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को अगस्त की मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बावजूद हम 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने के अनुमान को लेकर सहज बने हुए हैं।
बैंकों के कर्ज में वृद्धि, कंपनियों के मुनाफे में सुधार व निजी पूंजी निर्माण के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था चालू वित्त वर्ष में 6.5% की वृद्धि हासिल कर लेगी। हालांकि, कच्चे तेल की ऊंची कीमतों व मानसून की कमी जैसे जोखिम बने हुए हैं। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को अगस्त की मासिक आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में कहा, वैश्विक और घरेलू चुनौतियों के बावजूद हम 2023-24 के लिए वास्तविक जीडीपी की वृद्धि दर 6.5 फीसदी रहने के अनुमान को लेकर सहज बने हुए हैं। यह घरेलू निवेश की ताकत और पूंजीगत खर्च पर सरकार के जोर का नतीजा है। राज्य भी पूंजीगत खर्च को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं।
दूसरी तिमाही में भी बनी रहेगी वृद्धि की रफ्तार
मंत्रालय ने कहा, बाहरी मांग ने घरेलू वृद्धि प्रोत्साहन को पूरक बनाने का काम किया है। पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि में शुद्ध निर्यात का योगदान बढ़ गया क्योंकि सेवाओं के निर्यात ने अच्छा प्रदर्शन किया। जुलाई और अगस्त के उच्च आवृत्ति संकेतकों से दूसरी तिमाही में भी वृद्धि दर ऊंची रहेगी।