Home Tuition in Dehradun
Uttarakhand Election Promotion 2024
उत्तराखंड

देश में पहली बार पानी की भाप से घूमेगी टरबाइन…बनेगी बिजली, आइसलैंड की तकनीक पर होगा काम

खास बात यह होगी कि बाइनरी पॉवर प्लांट में बिजली बनाने की प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाला पानी रिसाइकिल होता रहेगा, यानी पानी की बर्बादी भी नहीं होगी।

उत्तराखंड में गर्म पानी के स्रोत अब बिजली बनाने का जरिया बनेंगे। आइसलैंड की तकनीक से गरम पानी की भाप टरबाइनों को घुमाएगी और बिजली पैदा करेगी। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी देश में अपनी तरह के पहले प्रोजेक्ट को चमोली के तपोवन में स्थापित करेगा।

उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्र में विभिन्न जगहों पर जमीन की सतह के भीतर पानी का तापमान काफी अधिक होता है। इनमें गरम पानी के स्रोत भी शामिल हैं। राज्य में कई जगहों पर गरम पानी के स्रोत उपलब्ध हैं। इन्हीं प्राकृतिक गरम पानी के स्रोत का उपयोग अब बिजली बनाने के लिए किया जाएगा। वाडिया इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. कालाचांद सांई ने बताया कि इसके लिए संस्थान की ओर से बाइनरी पॉवर प्लांट लगाया जाएगा। जिसमें जियो थर्मल एनर्जी से बिजली बनेगी। हाल ही में संस्थान के वैज्ञानिक आइसलैंड से इस तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे हैं।

यह होगी प्रक्रिया

तकनीक के तहत गरम पानी के स्रोत वाली जगह को ड्रिल किया जाता है। जमीन की सतह के भीतर पानी का तापमान 100 से 140 डिग्री सेल्सियस तक होता है। इसके बाद इसमें ऊपर से 70 से 80 डिग्री सेल्सियस तापमान के पानी को गिराया जाता है। इससे तेज गति से भाप निकलती है। यही भाप टरबाइन पर टकराकर उसे तेजी के साथ घुमाएगी और बिजली बनेगी। इसके लिए पूरी मैकेनिज्म तैयार की जाती है। खास तरीके से टरबाइनों को इंस्टॉल किया जाता है। फिलहाल तपोवन में 20 मेगावाट तक बिजली उत्पादन किया जाएगा। इस तकनीक से प्रदेश भर में 10 हजार मेगावाट तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य है।

सोलर के साथ हाइब्रिड तकनीक से बढ़ेगा उत्पादन

निदेशक डॉ. कालाचांद सांई ने बताया कि भविष्य में इस प्रोजेक्ट को सोलर के साथ हाइब्रिड तकनीक से जोड़कर उत्पादन क्षमता बढ़ाने की योजना है। इससे पावर प्रोजेक्ट के उत्पादन में कई गुना वृद्धि का अनुमान है।

Register Your Business Today

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button