एशियाई खेलों से पहले फुटबॉल सहित चार खेल विवादों में
भारतीय कुश्ती संघ का विवाद एशियाई खेलों से पहले खत्म हुआ और इसका असर प्रतियोगिता में पड़ना तय है। इसके अलावा फुटबॉल में क्लब बनाम देश का मुद्दा फिर गरम हो चुका है। कुराश और घुड़सवारी के विवादों में आने से भारत को मिलने वाले पदकों की संख्या में असर पड़ सकता है।
हांगझोऊ में 23 सितंबर में शुरू हो रहे एशियाई खेलों से पहले कुश्ती में गहराया संकट सबसे बड़ा विवाद रहा और भारतीय दल की हांगझोऊ रवानगी से पहले ही कई विवाद सुर्खियों में रहे। भारतीय दल एशियाई खेलों में सौ से अधिक पदक जीतने के इरादे से जा रहा है।
क्लब बनाम देश का विवाद एक बार फिर जोर मारने लगा है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ ( एआईएफएफ) को काफी मेहनत करनी पड़ी कि 12 इंडियन सुपर लीग की टीमें एशियाई खेलों के लिए खिलाड़ियों को रिलीज करे। कई दौर की बातचीत के बाद स्टार स्ट्राइकर सुनील छेत्री और अनुभवी डिफेंडर संदेश झिंगन को रिलीज किया गया। आईएसएल क्लबों ने 13 खिलाड़ियों को रिलीज नहीं किया था जिनमें झिंगन और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू शामिल थे। एआईएफएफ ने बाद में 22 खिलाड़ियों की संशोधित सूची जारी की जिसमें झिंगन के अलावा चिंगलेनसना सिंह और लालछुंगनुंगा शामिल हैं। इस विवाद का असर एशियाई खेलों में टीम के प्रदर्शन पर पड़ सकता है। रविवार को भारतीय टीम चीन रवाना हो गई लेकिन चिंगलेनसाना और लालछुंगनुंगा चीनी दूतावास से यात्रा दस्तावेज न मिलने के कारण रवाना नहीं हो सके।
यह खेल मैदान के बाहर की गतिविधियों के लिए चर्चा में रहा। ओलंपिक पदक विजेता पूनिया और साक्षी मलिक के साथ 2018 एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट करीब दो महीने तक भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की बर्खास्तगी की मांग को लेकर धरने पर बैठे। इन्होंने सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। खेल मंत्रालय ने महासंघ को भंग कर दिया और भारतीय ओलंपिक संघ द्वारा गठित तदर्थ समिति को खेल की बागडोर सौंपी। यह समिति भी विवादों के घेरे में ही रही। पूनिया और विनेश को ट्रायल से छूट दे दी गई जिस पर हरियाणा और उत्तर प्रदेश की खाप में दोफाड़ हो गई। विनेश के घायल होने से अंतिम पंघाल को मौका मिला है। पूनिया छूट मिलने के बाद किर्गीस्तान में अभ्यास कर रहे हैं और वहीं से चीन पहुंचेंगे।