यहां लोगों ने छोड़ा सुबह सैर पर निकलना, दिन ढलते ही घरों में हो रहे बंद, जानें वजह
आजतक जो घटनाएं केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही सुनाई देती थी, उनसे अब रिहायशी इलाके भी अछूते नहीं है। आलम ये है कि इस क्षेत्र के बहुत से लोगों ने सुबह की सैर ही बंद कर दी है। सुबह सवेरे लोगों की चहलकदमी से आबाद रहने वाले क्षेत्र में लोग अब अपने जरूरी काम से ही घर से बाहर निकल रहे हैं।
राजधानी देहरादून की कैनाल रोड और जाखन से सटे रिहायशी इलाकों में स्थानीय बाजार भी अब रात में एक से डेढ़ घंटा पहले ही बंद हो रहे हैं। क्षेत्र में शाम के वक्त लोगों ने अपने बच्चों को पांच बजे के बाद बाहर भेजना बंद कर दिया है।
क्षेत्रीय पार्षद कमल थापा ने बताया कि जाखन और कैनाल रोड के आसपास के रिहायशी इलाकों में अब पहले जैसा माहौल नहीं रहा। सुबह पांच बजे से ही यहां की सड़कों और गलियों में लोग सैर पर निकल जाते थे। मगर, रविवार को रिस्पना नदी में हुए गुलदार के हमले के बाद अब लोगों की जिंदगी में जैसे ठहराव सा आ गया।
यहां पर अब वर्षों से सैर पर निकलने वाले बुजुर्गों से लेकर जवान तक अब किसी जरूरी काम से ही बाहर निकलते हैं। इसके साथ ही शाम के वक्त लोग इकट्ठा होकर ही बाहर निकलते हैं।
सुबह धुंध के कारण के कारण गुलदार के हमला होने की ज्यादा आशंका रहती है ऐसे में लोगों ने बाहर निकलने से परहेज को ही बेहतर समझा। स्थानीय लोगों ने वन विभाग और प्रशासन से जल्द ही गुलदार के आतंक को खत्म करने की मांग की है।
गुलदार का आतंक इतना है कि अब क्षेत्र में बातचीत का यही एक मुद्दा बचा है। सुबह के वक्त सैर पर जाना भी बंद कर दिया है। बच्चों को भी घर के अंदर ही रखते हैं। ताकि, कोई अनहोनी न हो।
हमने आसपास के लोगों को समझाया है कि वह बिना काम के घर से बाहर सुबह या दिन ढलने के बाद न निकलें। सुबह धुंध में गुलदार सक्रिय रहता है। आज भी क्षेत्र में गुलदार देखे जाने की खबर है।
हम वर्षों से सैर पर जाते थे। लेकिन, अभी एहतियात के तौर पर सैर करना भी बंद कर दिया है। बच्चों और महिलाओं को हिदायत दी है कि वह बिना काम के शाम और सुबह के वक्त घर से न निकलें।
क्षेत्र में एक के बाद एक दो घटनाएं हुई हैं। गुलदार के बारे में सुना है कि वह दिन ढलने और सुबह के वक्त हमला करता है। ऐसे में जरूरी है कि घर में ही रहें। काम हो तब ही बाहर निकला जाए।