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उत्तराखंड

मजदूरी करने गए एमए के छात्र की लिंटर के नीचे दबकर मौत, इस आवास को तोड़ने गया था छात्र, ऐसे निकाला शव

जमरानी कॉलोनी दमुवाढूंगा में सरकारी बिल्डिंग तोड़ने के दौरान दानीबंगर गौलापार निवासी एमए के छात्र के ऊपर लिंटर गिर गया। जेसीबी की मदद से उसे निकाला गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

हल्द्वानी के जमरानी कॉलोनी दमुवाढूंगा में सरकारी बिल्डिंग तोड़ने के दौरान दानीबंगर गौलापार निवासी एमए के छात्र के ऊपर लिंटर गिर गया। इससे वह गंभीर घायल हो गया। जेसीबी की मदद से उसे निकाला गया। उसे अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

दानीबंगर गौलापार निवासी विक्रम सिंह बिष्ट (24) के परिवार की आर्थिक हालत खराब है। वह दानीबंगर अपने पिता डूंगर सिंह बिष्ट, मां भगवती देवी और छोटे भाई हर्षित के साथ रहता था। पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए वह मजदूरी करता था। परिजनों के मुताबिक तीन दिन पहले उसने दमुवाढूंगा स्थित जमरानी कॉलोनी के सरकारी आवास गिराने का ठेका लिया था। रविवार की सुबह सात बजे वह अपने चचेरे भाई वीरेंद्र और साथी हरीश के साथ काम पर गया था।

तीनों दो मंजिला भवन को गिरा रहे थे। तभी 12:30 बजे वह खाना खाने के लिए नीचे जाने लगे। आकाश और वीरेंद्र पहले निकल आए। कुछ ही देर बाद दो मंजिला भवन की छत गिर गई। उधर, विक्रम इसके नीचे दब गया। चीख और छत गिरने की आवाज सुनकर वीरेंद्र और हरीश के साथ अन्य लोग मौके पर पहुंचे। स्थानीय लोगों ने मशक्कत के बाद करीब एक बजे घायल विक्रम को जेसीबी की मदद से बाहर निकाला और निजी गाड़ी से एसटीएच लेकर पहुंचे, यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची मेडिकल चौकी पुलिस ने शव को मोर्चरी भिजवा दिया।

छत गिरने के दौरान विक्रम छत के नीचे दब गया। इस दौरान काम कर रहे अन्य मजदूर बल्ली लेकर उसे बचाने आए, लेकिन बल्ली से छत नहीं उठी। इसके बाद जेसीबी से छत को उठाकर उसे निकाला गया। स्थानीय निवासी यतिन पांडे ने कहा कि ठेकेदार वहीं मौजूद था। उसे पता था कि छत बल्ली से नहीं उठ सकती है। वह पहले ही जेसीबी बुला सकता था। जबकि जेसीबी वहीं पर काम कर रही थी। कहा कि जेसीबी बुलाने में समय बर्बाद किया गया।

स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार उसे वहां से निकालने के बाद भी अपनी गाड़ियों में अस्पताल नहीं ले गए। जब लोगों ने आक्रोशित होकर हंगामा शुरू किया तब जाकर ठेकेदार अपने वाहन से घायल को अस्पताल लेकर गया। लोगों का आरोप है कि समय से विक्रम को इलाज मिल जाता ता उसकी जान बच सकती थी।

विक्रम सिंह बिष्ट उर्फ वकील पढ़ाई के साथ-साथ मजदूरी करता था। उससे वह अपनी पढ़ाई का खर्च निकालता था। वह एमबीपीजी कॉलेज में एमए तृतीय वर्ष का छात्र था। साथ ही छात्रसंघ चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहा था। मेडिकल चौकी पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए शव मोर्चरी भिजवा दिया है।

शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया गया है। परिजनों की ओर से अभी कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है। तहरीर मिलने पर मामले की गंभीरता से जांच कराई जाएगी।

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