इस मौसम में ट्रिगर हो सकती है माइग्रेन की समस्या,
अक्तूबर का महीना मौसम में बदलाव वाला माना जाता है, तापमान में गिरावट के साथ सुबह-शाम वातावरण में ठंडक शुरू होने लगती है। मौसम में हो रहा इस तरह का बदलाव सेहत के लिए कई प्रकार से चुनौतीपूर्ण हो सकती है। इस मौसम में इंफ्लूएंजा जैसे वायरस के बढ़ने का साथ माइग्रेन की दिक्कत बढ़ने का खतरा हो सकता है। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती जाती है माइग्रेन का जोखिम और भी अधिक होता जाता है। पर क्या आप जानते हैं कि माइग्रेन और ठंड के मौसम का आपस में क्या संबंध है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मौसम में हो रहा बदलाव आपको बीमार कर सकता है। सर्दियों में सिरदर्द की समस्या काफी आम, कुछ लोगों में तापमान में गिरावट के साथ माइग्रेन की समस्या भी ट्रिगर हो सकती है। सर्दियों के दौरान माइग्रेन के मामले बढ़ जाते हैं लेकिन ऐसा क्यों है? और इसे किस प्रकार से कंट्रोल किया जा सकता है, आइए इस बारे में समझते हैं।
सर्दियों में माइग्रेन की दिक्कत
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, जिन लोगों को माइग्रेन की समस्या रही है, उन्हें सर्दियों में इसका अधिक अनुभव हो सकता है। इस मौसम की कई स्थितियां माइग्रेन के खतरे को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं। मेयो क्लिनिक की रिपोर्ट के अनुसार, मौसम संबंधी परिवर्तन माइग्रेन ट्रिगर करने वाले हो सकते हैं। इसके अलावा हवा में शुष्की, अत्यधिक ठंड जैसी स्थितियों के कारण आपको माइग्रेन बढ़ने का खतरा हो सकता है।
धूप की कमी बढ़ा देती है जोखिम
सर्दी के दिनों में माइग्रेन के ट्रिगर होने का एक कारण इस मौसम में धूप की कमी को भी माना जाता है। धूप की कमी के कारण मस्तिष्क में सेरोटोनिन जैसे रसायनों में असंतुलन हो सकता है। ब्रेन कैमिकल्स का असंतुलन सिरदर्द और माइग्रेन के एपिसोड्स को बढ़ाने वाले माने जाते हैं।
इसके अलावा सूरज की रोशनी में कमी हमारे सर्कैडियन रिदम यानी शरीर की आंतरिक घड़ी को बाधित कर देती है जिसके परिणामस्वरूप नींद के पैटर्न में असंतुलन या नींद की कमी हो जाती है। नींद की समस्याओं को भी माइग्रेन को ट्रिगर करने वाला माना जाता है।
माइग्रेन को ट्रिगर करने वाली चीजों से बचाव
स्टैनफोर्ड मेडिसिन में न्यूरोलॉजी के क्लिनिकल एसोसिएट प्रोफेसर, नुशेन झांग कहते हैं, ” सर्दियों के दिनों में चिकित्सकीय रूप से हम जो दिलचस्प चीज देखते हैं उनमें से एक यह भी है कि इन दिनों में लोगों में माइग्रेन की आवृत्ति बढ़ जाती है। हमारे लाइफस्टाइल की कई गड़बड़ आदतों के कारण भी इस प्रकार के सिरदर्द की समस्या अधिक हो सकती है।
शराब का सेवन, कैफीन का अधिक सेवन, तेज या चमकती रोशनी, तेज गंध (सुगंधित अगरबत्तिया जैसी),और कुछ खाद्य पदार्थ भी माइग्रेन के संभावित ट्रिगर हो सकते हैं।