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स्वास्थ्य और सौंदर्य

अब 70% से अधिक खराब घुटनों का इलाज हुआ संभव

बढ़ती उम्र के साथ लोगों को घुटनों में दर्द की समस्या तेजी से होने लगती है. ऐसे में उन्हें चलने-फिरने और बैठने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

बढ़ती उम्र के साथ लोगों को घुटनों में दर्द की समस्या तेजी से होने लगती है. ऐसे में उन्हें चलने-फिरने और बैठने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही बहुत कम लोगों का पता है कि इसका इलाज किया जा सकता है, जिसमें आधुनिक तकनीकी के जरिए 70% से अधिक ख़राब घुटनों को “ज़ीरो एरर” तकनीक से बदला / ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।

ठिया शुरू होने के लक्षण :-

  • उकडू बैठने (Squatting ) व नमाज के लिए बैठने में कष्ट / पीड़ा।
  • सीढ़ी चढ़ने व / या उतरने में पीड़ा ।
  • पालथी लगाकर बैठने में दर्द महसूस करना।
  • रसोई में अधिक समय तक खड़े-खड़े काम करने में दर्द ।
  • कार में बैठकर लम्बे सफर के बाद घुटने जाम हो जाना व दर्द होना आदि।


यदि आपको उपरोक्त लक्षण में से कोई भी है तो यह घुटने की गठिया की शुरूआत हो सकती है। मगर आपको घबराने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है क्योंकि आप इस बीमारी के शुरू होने पर तुरन्त टेंडर पॉम हॉस्पिटल, सेक्टर-7, गोमती नगर विस्तार, लखनऊ पर परामर्श ले सकते हैं और अपना घुटना कम उम्र में खराब होने से बचा सकते हैं।

आखिर टेंडर पॉम हॉस्पिटल ही क्यों हैं बेस्ट?

  • इस बीमारी के ग्रेड- थर्ड अवस्था में अन्य अस्पताल घुटना बदल (नी ट्रांसप्लान्ट) देते हैं वहीं टेंडर पॉम हॉस्पिटल में ग्रेड-थर्ड के 80 प्रतिशत मरीजों को बिना घुटना बदले उनके प्राकृतिक घुटने की मरम्मत कर स्थाई इलाज किया जाता है।
  • साथ ही ग्रेड-फोर्थ अवस्था में अन्य अस्पताल घुटना बदल (नी ट्रांसप्लान्ट) देते हैं वहीं टेंडर पॉम हॉस्पिटल में ग्रेड- फोर्थ के 50 प्रतिशत मरीजों को बिना घुटना बदले उनके प्राकृतिक घुटने की मरम्मत कर स्थाई इलाज किया जाता है।
  • साथ ही ध्यान देने योग्य बात ये भी है कि यहां पर केवल 70 प्रतिशत तक खराब घुटने की ही मरम्मत संभव है।
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