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स्वास्थ्य और सौंदर्य

छठवीं कक्षा के बच्चे की हार्ट अटैक से मौत, डॉक्टर से जानिए युवाओं में बढ़ते हृदय रोगों का कारण

हृदय रोगों का जोखिम वैश्विक स्तर पर काफी तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के कारण हार्ट की दिक्कतें काफी तेजी से बढ़ी हैं, कोरोना के जोखिमों ने इसे और गंभीर बना दिया है। कुछ दशकों पहले तक हृदय रोग, हार्ट अटैक जैसी दिक्कतों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाली समस्या के रूप में जाना जाता था, पर अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं।

ऐसे ही एक हालिया मामले में गुजरात में छठवीं कक्षा के एक बच्चे की सडेन हार्ट अटैक से मौत हो गई है, उसकी उम्र महज 12 साल की थी। इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक के खतरे ने सभी को चिंता में डाल दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देवभूमि द्वारका और राजकोट शहर में पिछले दिनों क्रमश: एक 12 वर्षीय और 20 साल के लड़के की अचानक दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई है। छह वर्षीय मृतक के पिता ने बताया कि उसने कोविड की वैक्सीन नहीं ली थी, हालांकि क्या इसके पीछे कोरोना संक्रमण वजह रही है, फिलहाल इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है।

आइए जानते हैं कि कम उम्र के लोगों में यह घातक बीमारी क्यों बढ़ती जा रही है और इससे बचाव के लिए किस प्रकार के प्रयास किए जा सकते हैं?

20-30 की आयु वालों में भी दिल का दौरा पड़ना आम होता जा रहा है। वर्ष 2000-2016 के बीच इस युवा आयु वर्ग में हर साल दिल का दौरा पड़ने की दर 2% बढ़ गई है।

अमर उजाला से बातचीत में दिल्ली स्थित कार्डियोलॉजिस्ट डॉ सुयश निरंजन कहते हैं, कई कारण हैं जिसकी वजह से कम उम्र के लोगों में तेजी से हृदय रोगों के मामलों का निदान किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण हृदय स्वास्थ्य पर तो गंभीर असर देखा ही गया है साथ ही लाइफस्टाइल में गड़बड़ी के कारण होने वाली कुछ समस्याओं ने भी हृदय रोगों के खतरे को बढ़ा दिया है।

पहले के शोध में भी पाया गया है कि मोटापा के शिकार लोगों में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम बढ़ जाता है।

डॉक्टर कहते हैं, हाई ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक के जोखिम को बढ़ाने वाला प्रमुख कारण है। इसे कार्डियोवस्कुलर समस्याओं के लिए बड़ा खतरा माना जाता रहा है। अधिक वजन की समस्या भी हाई ब्लड प्रेशर का कारण बन सकती है, इसके कारण धमनियों पर दबाव बढ़ने का जोखिम रहता है जो न सिर्फ हार्ट अटैक का बड़ा जोखिम कारक है साथ ही इसकी वजह से स्ट्रोक भी हो सकता है। सभी लोगों को हृदय रोगों से बचाव के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।

अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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