संविदा पर नियुक्तियों की प्रथा समाप्त, लॉजिस्टिकल सर्विस डिलीवरी कॉर्पोरेशन बनेगा
राजस्थान कैबिनेट ने रविवार देर बड़े फैसले लिए। इसमें संविदा कर्मचारियों के लिए प्लेसमेंट एजेंसियों की सेवा लेने की प्रथा समाप्त होगी। साथ ही राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलीवरी कॉर्पोरेशन का गठन भी किया जाएगा।
राजस्थान सरकार ने आचार संहिता लगने से पहले कुछ बड़े फैसले किए हैं। अब प्लेसमेंट एजेंसियों से संविदा कार्मिक लेने की प्रथा समाप्त होगी। राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलीवरी कॉर्पोरेशन का गठन होगा। कार्य प्रभारित कार्मिकों को पदोन्नति के अवसर मिलेंगे। सेवा नियमों में संशोधन होंगे। सोलर प्रोजेक्ट के लिए भूमि आवंटन किया गया है। इससे प्रदेश में विद्युत उत्पादन बढ़ेगा।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार शाम को शुरू हुई कैबिनेट बैठक देर रात तक चली। मुख्यमंत्री गहलोत ने धरियावद घटना की पीड़िता को सरकारी नौकरी देने का भी निर्णय लिया है। बैठक में संविदा कार्मिकों के हितों की रक्षा के लिए राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलीवरी कॉर्पोरेशन का गठन करने, कार्यप्रभारित कार्मिकों के लिए पदोन्नति के अवसर बढ़ाने और राजस्थान वक्फ नियम-2023 के प्रारूप का अनुमोदन करने, 80 से अधिक सामाजिक संस्थाओं को भू-आवंटन और धरियावद घटना की पीड़िता को सरकारी नौकरी देने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णयों का अनुमोदन किया गया।
संविदा कार्मिकों को बिना कटौती मिलेगा पारिश्रमिक
राजस्थान में अब प्लेसमेंट एजेंसियों के जरिए राजकीय विभागों में संविदा पर कार्मिक लगाने की प्रथा बंद हो जाएगी। अब राज्य सरकार सरकारी कम्पनी के रूप में राजस्थान लॉजिस्टिकल सर्विस डिलीवरी कॉर्पोरेशन का गठन करेगी। कैबिनेट बैठक में लिए इस निर्णय से विभिन्न राजकीय विभागों, संस्थानों में कुशल-अकुशल अभ्यर्थियों का पंजीकरण/चयन पारदर्शी तरीके से किया जा सकेगा। संविदा कार्मिकों को शोषण से मुक्त करते हुए उचित पारिश्रमिक दिया जाएगा। विभिन्न विभागों में प्रशिक्षित कार्मिक उपलब्ध होंगे। राज्य को कार्मिकों के कौशल का लाभ मिलेगा। इसमें एक जनवरी 2021 से पूर्व के कार्यरत ठेका कर्मियों को नवगठित सरकारी कम्पनी के माध्यम से आवश्यकतानुसार सीधे लिया जाएगा। इससे उन्हें बिना किसी कटौती के पूर्ण पारिश्रामिक मिलेगा। अभी तक एजेंसियों द्वारा विभिन्न कटौतियां कर कार्मिकों का शोषण किया जा रहा था।
आरएलएसडीसी को कम्पनी अधिनियम-2013 के अंतर्गत पंजीकृत किया जाएगा। यह राज्य सरकार के पूर्ण स्वामित्व की कम्पनी होगी। इसमें प्रशासनिक सुधार विभाग के प्रमुख सचिव अध्यक्ष होंगे। साथ ही कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग व श्रम विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव, वित्त व्यय विभाग के सचिव, राज्य बीमा और प्रावधाई निधि विभाग के निदेशक और राज्य सरकार द्वारा नामित व्यक्ति सदस्य के रूप में कार्य करेंगे।
राजस्थान वक्फ नियमों के प्रारूप का अनुमोदन
बैठक में मंत्रिमंडल ने केन्द्रीय वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 109 के तहत राजस्थान वक्फ नियम-2023 संबंधित प्रस्ताव और अधिसूचना के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। इन नियमों के लागू होने से वक्फ कार्य अधिक सुगमता, स्पष्टता और पारदर्शिता से संपादित किए जा सकेंगे। केन्द्रीय वक्फ अधिनियम-1995 की धारा 109 के तहत वक्फ कार्यों के संचालन के नियम बनाने की शक्ति राज्य सरकार में निहित है।