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उत्तराखंड

 यूपी निर्माण निगम के पांच पूर्व अधिकारियों ने किया 130 करोड़ का गबन, शिकायत के बाद केस और जांच शुरू

इनमें कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकि, एक पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो चुकी है। विभागीय जांच के बाद इन पांचों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाने में छह मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

उत्तर प्रदेश निर्माण निगम के पूर्व अधिकारियों ने विभिन्न कामों के लिए आई धनराशि में से 130 करोड़ रुपये का गबन कर लिया। इनमें कुछ अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं जबकि, एक पर बर्खास्तगी की कार्रवाई भी हो चुकी है। विभागीय जांच के बाद इन पांचों पूर्व अधिकारियों के खिलाफ नेहरू कॉलोनी थाने में छह मुकदमे दर्ज किए गए हैं। आरोपियों ने ये गबन आईटीआई भवन निर्माण, दून अस्पताल ओपीडी निर्माण, आपदा राहत केंद्र आदि के निर्माण के दौरान किया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गबन के संबंध में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के अपर परियोजना प्रबंधक ने शिकायत की है। ये सभी काम वर्ष 2018-19 से पहले के बताए गए हैं। उनकी शिकायत पर पहला मुकदमा तत्कालीन महाप्रबंधक शिव आसरे शर्मा, तत्कालीन परियोजना प्रबंधक प्रदीप कुमार शर्मा और तत्कालीन लेखाधिकारी स्तर-2 वीरेंद्र कुमार रवि के खिलाफ दर्ज हुआ है।

इन पर आईटीआई भवन निर्माण में अनियमितताएं बरते हुए छह करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप है। इनमें शिव आसरे शर्मा सेवानिवृत्त हो चुके हैं और आजमगढ़ के गांव ठोकमा के रहने वाले हैं। प्रदीप कुमार शर्मा अतिरिक्त महाप्रबंधक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। शर्मा मूलरूप से पूर्वी पंजाबी बाग नई दिल्ली के निवासी हैं। जबकि, वीरेंद्र कुमार रवि को निगम से बर्खास्त किया जा चुका है। वह बिजनौर की नजीबाबाद तहसील के गांव सरकरा खेड़ी के रहने वाले हैं।

दूसरा मुकदमा आपदा राहत केंद्र के निर्माण के दौरान 4.28 करोड़ रुपये के गबन में प्रदीप कुमार शर्मा और वीरेंद्र कुमार रवि के खिलाफ दर्ज हुआ है। तीसरे मुकदमे में शिव आसरे शर्मा, प्रदीप कुमार शर्मा और तत्कालीन सहायक लेखाधिकारी राम प्रकाश गुप्ता आरोपी हैं। राम प्रकाश गुप्ता हरदोई जिले की संडिला बरौनी के रहने वाले हैं। पर्यटन विभाग के भवन निर्माण में इन पर डेढ़ रुपये के गबन का आरोप है। इसी तरह चौथे मुकदमे में शिव आसरे शर्मा, प्रदीप कुमार शर्मा, रामप्रकाश गुप्ता और वीरेंद्र कुमार रवि को आरोपी बनाया गया है। 

आरोप है कि इन्हें विभिन्न कामों में 100 करोड़ रुपये का गबन किया है। पांचवां मुकदमा दून अस्पताल के ओपीडी भवन निर्माण में अनियमितताओं से संबंधित है। इसमें तत्कालीन स्थानिक अभियंता सतीश कुमार उपाध्याय पर करीब 10 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। उपाध्याय प्रतापगढ़ जिले के सरियांवा गांव के रहने वाले हैं। जबकि, छठे मुकदमे में प्रदीप कुमार शर्मा आरोपी हैं। उन पर इसमें साढ़े पांच करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है। एसएसपी ने बताया कि इन सभी मुकदमोंं में जांच शुरू कर दी गई है।

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