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उत्तराखंड

लापता होने के बाद पुलिस ने नहीं उठाए ठोस कदम, मेरे पिता को मिली ईमानदारी की सजा

भीमताल झील किनारे से बधुवार की सुबह 15 दिन से लापता चल रहे वन क्षेत्राधिकारी हरीश चंद्र पांडे (55) का शव संदिग्ध हालात में बरामद हुआ है। पुलिस ने शव की शिनाख्त जेब से मिली फोटो और दस्तावेज के आधार पर की।

तल्लीताल ठंडी सड़क में झील किनारे से बधुवार की सुबह 15 दिन से लापता चल रहे वन क्षेत्राधिकारी हरीश चंद्र पांडे (55) का शव संदिग्ध हालात में बरामद हुआ है। पुलिस ने शव की शिनाख्त जेब से मिली फोटो और दस्तावेज के आधार पर की। साथ ही परिजनों को शव मिलने की सूचना दी। सूचना पर मृतक के बेटे हिताद्र पांडे अपने रिश्तेदारों के साथ पहुंचे।

बेटे हिताद्र ने अपने पिता की मौत के लिए वन विभाग के उच्च अधिकारियों पर आरोप लगाए है। बेटे ने रोते हुए बताया कि उनके पिता को पेड़ काटने के मामले में झूठा फंसाया जा रहा था। जिसके बाद से वह 29 नवंबर से मानसिक रूप से परेशान चल रहे थे।

बेटे ने बताया कि तब से पिता घर से लापता चल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से भी पिता की खोजबीन के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जबकि उनके पिता की लोकेशन भीमताल में मिली थी। बेटे ने कहा कि डीएफओ और एसडीओ से जब पिता की खोजबीन के लिए मिलने गए तो उन्होंने मुलाकात तक नहीं की। हिताद्र ने कहा ईमानदारी के चलते उनके पिता की जान गई है।

उन्होंने कहा कि वह लोग कमजोर है अगर वह शिकायत भी करेंगे तो उच्च अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाएगी। थानाध्यक्ष बिरेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि शव तीन दिन पुराना लग रहा है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। मृतक तराई केंद्रीय वन प्रभाग के रुद्रपुर डिवजीन में वन क्षेत्राधिकारी के पद पर तैनात थे।

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