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 एक्सपीरिएंसियल लर्निंग पर ध्यान दें युवा,

सफलता डॉट कॉम द्वारा उद्यमिता के लिए प्रेरणा विषय पर आयोजित किये गए मास्टर क्लास सेशन में अतिथि निदेशक ज्वाय वेब सर्विसेज सौमित्र घोटिकर ने कहा कि आज के युवा को जो भी काम कर रहा है उसे इंज्वाय करके करना चाहिए। आजकल के अभिभावकों को बच्चों से ज्यादा प्रयोगधर्मिता की ओर, एक्सपीरिएंसियल लर्निंग की ओर लेकर जाना चाहिए। कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्याओं पर उन्होंने कहा कि अभिभावकों को बच्चों पर अंकों का ज्यादा दवाब नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि परीक्षाएं सिर्फ अंकों के लिए आयोजित नहीं की जातीं। जैसे खिलाड़ी खेलने के लिए खेलता है आंकड़ों के लिए नहीं वैसे ही छात्रों को पढ़कर सीखने के लिए पढ़ना चाहिए अंकों के लिए नहीं।

जॉब सीकर नहीं जॉब प्रोवाइडर बनें युवा
सौमित्र घोटिकर ने कहा कि आप देखो आपके पिता कहां काम करते हैं, उन्हें कौन सैलरी दे रहा है। उसका क्या बिजनेस है उसकी तरह आप कैसे बिजनेस कर सकते हैं ये सोचें। अगर आप छोटे बिजनेस से शुरू करेंगे तो थोड़ा पैसा लगाएंगे, चाहे वो शेयर मार्केट ही क्यूं न हो आपको बिजनेस के बारे में पता चलेगा। हानि होगी तो भी आप सीखेंगे लाभ होगा तो भी आप सीखेंगे।

युवा जॉब के साथ भी कर सकते हैं बिजनेस
उन्होंने छात्रों को कहा कि ऐसे युवा जो कहीं जॉब करते हैं वह भी बिजनेस कर सकते हैं। इसके लिए आप अपनी स्किल्स के जरिये काम शुरू कर सकते हैं और सैलरी से अलग पैसा बना सकते हैं। उन्होंने आजकल के छात्रों को एक्सपीरिएंसल लर्निंग को बढ़ाने के लिए कहा। जैसे खेलना है तो मोबाइल गेम की बजाय ग्राउंड में खेलो, दीवाली है तो कोई सामान बाजार से ले आओ और उसे लोगों को बेचने की कोशिश करो। इससे आपको अनुभव होगा कि 100 में से 99

 मना करके चले गए एक आदमी ने खरीदा। फिर आपको कस्टमर विहैवियर समझ आने लगेगा।

उद्यमिता के लिए युवाओं को पढ़नी चाहिए सक्सेस स्टोरीज 

उन्होंने छात्रों को उद्यमिता के लिए कुछ बेहतरीन किताबें पढ़ने को कहते हुए रिच डैड पुअर डैड किताब की समरी बताई। उद्योगपतियों के इंटरव्यू देखने को कहा, द फोर अवर वर्क जैसी किताबें पढ़ने को जरूरी बताया। उन्होंने कहा उद्यमिता के लिए युवाओं के अंदर 

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