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उत्तराखंड

 एनईपी में ही उलझे कॉलेज, नैक कराने पर जोर नहीं; नए पाठ्यक्रम से भी बच रहे

‘ए’ और उससे अच्छा ग्रेड पा चुके कॉलेज भी अभी प्रयास नहीं कर रहे हैं। व्यवस्थाएं पटरी पर आने का इंतजार कर रहे हैं। 

उत्तर प्रदेश के आगरा में डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज अभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत परीक्षाएं कराने और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाने में ही उलझे हैं। राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (नैक) का मूल्यांकन कराने पर कॉलेज जोर कम दे रहे हैं। सभी कॉलेजों के लिए नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य है।

कॉलेजों को नैक कराने के लिए प्रेरित करने के लिए शासन स्तर से क्षेत्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आरक्यूएसी) का गठन किया गया है। इसमें क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव, विवि के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन समिति के निदेशक व अन्य शामिल हैं।

विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों की संख्या 550 से अधिक है। महज दो कॉलेजों के पास वर्तमान में नैक की ग्रेडिंग हैं। नैक का ‘ए’ और उससे अच्छा ग्रेड पा चुके कॉलेज भी मूल्यांकन कराने के लिए अभी प्रयास नहीं कर रहे हैं। वह इंतजार कर रहे हैं कि सत्र व्यवस्थित हो जाए। अभी स्टाफ परीक्षाएं संपन्न कराने में उलझा है। वर्तमान परिस्थितियों में कॉलेज नए पाठ्यक्रम तक शुरू करने से बच रहे हैं।

सभी के लिए नैक का मूल्यांकन अनिवार्य

नैक का मूल्यांकन कराना सभी कॉलेजों के लिए अनिवार्य है। इसके संबंध में कार्यशाला जल्द कराई जाएगी। इसमें कॉलेजों को आमंत्रित किया जाएगा। नैक का मूल्यांकन कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। अभी डॉ. भीमराव आंबेडकर विवि से संबद्ध महज दो कॉलेजों के पास नैक की ग्रेडिंग हैं। उनके पास भी महज एक वर्ष बचा है। – प्रो. राजेश प्रकाश, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी

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