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उत्तराखंड

चुनाव परिणाम तय करेगा भाजपा-कांग्रेस की 2027 की राह, ऐसा रहा है सीट का इतिहास

भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रत्याशियों के राजनीतिक जीवन के लिए यह उपचुनाव अहम है।
तीन बार भाजपा और दो बार कांग्रेस यहां चुनाव जीत चुकी है।

केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव का परिणाम भाजपा और कांग्रेस की 2027 की राह भी तय करेगा। साथ ही दोनों के प्रत्याशियों के राजनीतिक जीवन के लिए भी यह उपचुनाव परिणाम अहम है। राज्य बनने के बाद हुए विस चुनाव में अभी तक केदारनाथ विस चुनाव में तीन बार भाजपा और दो बार कांग्रेस को जीत मिली है। बीते दो विस चुनाव में निर्दलीय ने दोनों दलों के पसीने छुड़ाए थे।

पहले विस चुनाव से लेकर बीते चुनाव तक केदारनाथ विधानसभा में राजनीतिक रूप से भाजपा और कांग्रेस का ही दबदबा देखने को मिला है। यहां पहले व दूसरे विस चुनाव में भाजपा से आशा नौटियाल विधायक चुनी गईं। वर्ष 2012 में कांग्रेस ने पहली बार जीत दर्ज करने के साथ अपने वोट बैंक में सुधार किया। तब शैलारानी रावत ने आशा नौटियाल को पराजित किया।

वर्ष 2017 में यहां भाजपा को हार का सामान करना पड़ा और पार्टी चौथे स्थान पर रही। तब भाजपा ने शैलारानी रावत पर दांव खेला, जिससे आशा नौटियाल बागी होकर निर्दलीय मैदान में उतरी। लेकिन दोनों महिला उम्मीदवार हार गईं और कांग्रेस के मनोज रावत विधायक चुने गए।

वर्ष 2022 में कांग्रेस तीसरे स्थान पर खिसक गई। भाजपा की शैलारानी रावत निर्दलीय कुलदीप रावत को पराजित कर दूसरी बार विधायक चुनी गई। इस वर्ष शैलारानी रावत के निधन के बाद केदारनाथ विस में उपचुनाव हो रहा है, जिसमें भाजपा से आशा नौटियाल और कांग्रेस से मनोज रावत में सीधा मुकाबला है।

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