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उत्तराखंड

धुंधली कहानी लेकर हर जगह खोज रहा परिवार, बचपन में हुआ अपहरण… देहरादून पुलिस लगाएगी पता

आखिर कौन है राजू जो धुंधली कहानी लेकर हर जगह परिवार को खोज रहा है। गत 21 नवंबर को देहरादून से नौकरी की तलाश में निकला था और गाजियाबाद पुलिस के पास पहुंच गया।

दशकों पहले अपने परिवार से बिछड़े राजू के दिमाग में एक कहानी है। कई बरसों तक उसके साथ हुई ज्यादती से यह कहानी भी धुंधली पड़ गई है। हाथ में किसी ट्रक ड्राइवर की लिखी चिट्ठी और जेब में हनुमान की तस्वीर है। राजू उसका असल नाम है भी या नहीं, ये भी उसे नहीं पता। धुंधली हो चुकी इस कहानी को लेकर वह शहर-शहर में अपने परिवार को खोज रहा है।

पांच माह पहले अमर उजाला में छपी खबर के आधार पर देहरादून पुलिस ने उसे एक परिवार से मिलाया। लेकिन, शायद ये परिवार भी उसे अपना नहीं लगा और फिर गाजियाबाद तक पहुंच गया। यहां एक परिवार ने उसे गले लगाया, तो अब पुलिस का चक्कर पड़ गया।

ये कहानी है गत जून में देहरादून आए एक युवक की। युवक अपने परिवार की खोज में अमर उजाला कार्यालय पहुंचा था। यहां उसने बताया था कि उसे सालों पहले बचपन में कोई अपहरण कर ले गया था। उसे राजस्थान के किसी ऐसे स्थान पर रखा गया था, जहां दूर-दूर तक लोग नहीं रहते थे।

वहां पर उससे भेड़-बकरी चराने का काम किया जाता था। लोग उसकी पिटाई करते थे। इससे पहले वह पुलिस के पास भी गया था। अमर उजाला में प्रकाशित खबर को देखकर दून का एक परिवार पुलिस के पास पहुंचा और परिवार ने राजू को अपना बेटा मोनू बताया। राजू ने भी अपनी मां को पहचानने का दावा किया। इसके बाद वह यहां अपने कथित परिवार के साथ रहने लगा।

इस बीच उसने नौकरी की तलाश की। करीब 15 दिन पहले वह फिर से पुलिस के पास पहुंचा और नौकरी लगवाने के लिए कहा। पुलिस ने आश्वासन दिया, तो वहां से चला गया। इस बीच गत 21 नवंबर को वह अपने कथित परिवार से यह कहकर निकल गया कि वह नौकरी की तलाश में जा रहा है।

इसके बाद गाजियाबाद के थाना खोड़ा जा पहुंचा। यहां कई परिवार उसे देखने को आए। इनमें से एक ने उसे अपना बेटा होने की बात कही। पता चला कि वह 1993 में अपने घर से गया था। परिवार के साथ रह ही रहा था कि इसी बीच खोड़ा पुलिस को उसकी देहरादून की कहानी के बारे में पता चला। अब पुलिस उसे अपने साथ थाने ले गई।

एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि राजू के गाजियाबाद जाने का पता चला है। गाजियाबाद पुलिस ने संपर्क किया था। वहां जांच-पड़ताल चल रही है। इस संबंध में दून पुलिस भी पड़ताल कर रही है। इसके लिए लगातार गाजियाबाद पुलिस के संपर्क में है।

राजधानी पुलिस राजू का डीएनए टेस्ट कराएगी। इसके लिए फिलहाल देहरादून के परिवार से शिकायत ले ली गई है। इस पर अगली कार्रवाई करते हुए डीएनए की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि गाजियाबाद पुलिस से लगातार संपर्क किया जा रहा है। इस मामले में पटेलनगर पुलिस को कपिल देव के घर भेजा गया था। वहां से तहरीर ले ली गई है। पुलिस कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि यदि राजू का डीएनए परिवार से मिलता है तो उसे परिवार को सौंपा जाएगा। यदि नहीं तो अगली कार्रवाई की जाएगी।

देहरादून में राजू के कथित परिवार के मुखिया (पिता) कपिल देव ने इस बारे में बात की। उन्होंने बताया कि मुझे कभी नहीं लगा था कि वह मेरा बेटा है, लेकिन पत्नी के कारण चुप रहा। यही कारण था कि मैंने उसे यहां रहने दिया। वह बात-बात पर झगड़ा करता था, लेकिन हमने कुछ नहीं कहा। अब वह एक दिन अचानक कहने लगा कि उसे नौकरी करनी है। वह सब्जी मंडी से एक गिरा हुआ फोन लेकर आया था। उसे सिम भी पत्नी के नाम पर दिलाकर दिया। उसके बाद से उसकी गतिविधियां बदली हुई थीं। अब पता चला है कि वह गाजियाबाद में है। कपिल देव का कहना है कि पुलिस उनसे तहरीर लेकर गई है। अगली कार्रवाई के बाद ही आगे सोचा जाएगा।

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